हमीरपुरःएनआईटी हमीरपुर में निदेशक को बर्खास्त करने के बाद करीब एक दर्जन अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया है. जांच के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है. पूर्व निदेशक प्रो. विनोद यादव के कार्यकाल में सेवाएं दे चुके रजिस्ट्रार और डीन संकाय कल्याण को संस्थान ने तीन वर्ष के लिए प्रशासनिक पद से हटाया गया है.
एचओडी समेत नौ अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक एचओडी समेत नौ अन्य अधिकारियों को भी आगामी एक वर्ष के लिए प्रशासनिक कार्यों से हटाया है. पूर्व में कुल सचिव रहे संस्थान के एक अधिकारी को भी चेतावनी पत्र जारी किया है. एनआईटी ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और पूर्व निदेशक प्रो. विनोद यादव के मूल संस्थान एनआईटी प्रयागराज के निदेशक को आगामी कार्रवाई के लिए भेज दिया है.
भर्तियों में नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई
वर्ष 2017 से 2018 के दौरान प्रो. विनोद यादव के समय एनआईटी हमीरपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्तियां हुई थीं. इन भर्तियों में नियमों की अवहेलना हुई. इस मामले की शिकायत शिक्षा मंत्रालय और एनआईटी चेयरमैन को की गई थी. प्रारंभिक जांच के बाद एनआईटी के निदेशक प्रो. विनोद यादव को मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया. बता दें कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन को इस मामले में आगामी जांच का जिम्मा सौंपा था. संस्थान ने अपने स्तर पर तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित कर भर्ती अनियमितता मामले में शामिल रहे अधिकारियों की जांच करवाई.
मामले में एक दर्जन अधिकारियों की संलिप्तता
इस कमेटी ने बीते माह ही जांच पूरी कर बोर्ड ऑफ गवर्नर बीओजी को रिपोर्ट सौंपी है. इसमें करीब एक दर्जन अधिकारियों की इस मामले में संलिप्तता बताई गई. संस्थान ने बीओजी की रिपोर्ट के आधार पर एक दर्जन अधिकारियों पर कार्रवाई की.
उधर, एनआईटी हमीरपुर के रजिस्ट्रार प्रो. योगेश गुप्ता ने कहा कि बीओजी ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर करीब एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे. शिक्षा मंत्रालय और एनआईटी प्रयागराज के निदेशक को भी रिपोर्ट आवश्यक दस्तावेजों के साथ भेज दी है.
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