हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के रैन-बसेरा में ठेकेदार से अवैध कब्जा हटाया गया. संबंधित ठेकेदार नगर परिषद को पिछले दो वर्षों से कोई भी किराया नहीं दे रहा था. ऐसे में तहसीलदार हमीरपुर ने उपायुक्त हमीरपुर के आदेशानुसार रैन-बसेरा को अवैध मुक्त करवाया. बुधवार को नगर परिषद हमीरपुर की टीम, तहसीलदार और पुलिसकर्मियों ने ठेकेदार के कब्जे से तीन कमरे और हॉल मुक्त करवाया.
बताया जा रहा है कि संबंधित ठेकेदार साल 2017 के बाद नगर परिषद हमीरपुर में आज तक कोई भी पैसा जमा नहीं करवा पाया है. ऐसे में नगर परिषद को ठेकेदार से छह लाख 42 हजार रुपए लेने को हैं. ठेकेदार को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन उन्होंने आज तक पैसे जमा नहीं करवाए. इसके चलते ठेकेदार के विरुद्ध बुधवार यह कार्रवाई की गई है.
ठेकेदार के कब्जे से तीन कमरे और दो बड़े हॉल जहां पर 20 बेड लगे हुए हैं, इन सभी कमरों के ताले तोड़कर उनकी जगह नगर परिषद हमीरपुर ने नए ताले लगाकर अपना कब्जा हासिल कर लिया है.
तहसीलदार हमीरपुर अशोक पठानिया ने कहा कि नगर परिषद हमीरपुर के संपत्ति से कब्जा हटाकर बुधवार को इसे नगर परिषद के हवाले किया गया है. इसके लिए उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी और उन्होंने पुलिस बल की मौजूदगी में कब्जे को हटाकर इसे नगर परिषद हमीरपुर को हैंड ओवर कर दिया है.
वहीं, नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी केएल ठाकुर ने कहा कि इस रैन बसेरे को खाली करवाने के लिए नगर परिषद के हाउस में प्रस्ताव पारित किया गया था. उपायुक्त हमीरपुर की तरफ से भी इस बाबत निर्देश जारी किए गए थे. पुलिस की मौजूदगी में इस रैन बसेरे को खाली करवाया गया है. उन्होंने कहा कि बकाया किराया लाखों रुपये है, जिसे वसूल करने के लिए नगर परिषद कोर्ट में जाएगी.
बता दें कि इस रैन बसेरे को खाली करवाने के लिए नगर परिषद हमीरपुर लंबे समय से प्रयास कर रही थी. जिला प्रशासन के ध्यान में भी यह मामला था, लेकिन इसके बावजूद संबंधित ठेकेदार रैन बसेरे को खाली नहीं कर रहा था. आखिरकार बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए रैन बसेरा खाली करवाया गया है. वहीं, अब बकाया किराया वसूल करने के लिए नगर परिषद ठेकेदार को अदालत में ले जाएगी.
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