हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के किसान-बागवान अब पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं. जिससे किसानों-बागवानों को खासा फायदा हो रहा है. आधुनिक खेती के जरिए किसान-बागवान खेती की नई-नई तकनीक सीख रहे हैं और कम भूमि पर ज्यादा पैदावार उगा कर मुनाफा कमा रहे हैं. जिससे प्रदेश के किसानों-बागवानों की आर्थिकी भी समृद्ध हो रही है.
2 हेक्टेयर भूमि पर 2300 मौसमी के पौधे: इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के अंतर्गत बकारटी गांव में 24 किसानों ने एकजुट होकर आधुनिक खेती को अपनाया और साथ मिलकर अपनी 2 हेक्टेयर भूमि पर एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 2300 मौसमी के पौधे लगाए हैं. मात्र दो सालों के अंतराल में ही इन पौधों पर अच्छी किस्म के फल लगने शुरू हो गए हैं. हमीरपुर उद्यान विभाग के सहयोग से इन बागवानों ने आधुनिक खेती तकनीक के माध्यम से अपनी जमीन पर मौसमी के पौधे लगाए.
खेती छोड़ चुके किसानों को दिखाई नई राह:बता दें कि यह सभी किसान आवारा पशुओं के चलते इस भूमि पर खेती बाड़ी करना छोड़ चुके थे, लेकिन उद्यान विभाग हमीरपुर के अधिकारियों ने इन किसानों को अपनी खाली छोड़ी भूमि पर बागवानी करने के लिए प्रेरित किया. इन किसानों ने भी बागबानी करने के लिए हामी भरी और एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 2 हेक्टेयर भूमि पर निशुल्क बाड़बंदी की गई. इस भूमि पर मौसमी के 2300 पौधों लगाए गए. उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने ही इन सभी किसानों को मौसमी के पौधों की देखभाल करना सिखाया. आज इन पौधों पर फल लग पड़े हैं, लेकिन उद्यान विभाग के कर्मचारी किसानों को इस बार फसल न लेने की नसीयत दे रहे हैं, क्योंकि अब तक यह पौधे मात्र दो वर्ष के हैं. इसलिए इस बार के फलों को सैंपल के तौर पर विभाग द्वारा देखा जा रहा है.
मौसमी के अलावा विभिन्न फसलें: आगामी समय में मौसमी की फसल से किसानों को लाखों रुपये की आमदनी मिलने की पूरी संभावना है. 24 किसानों से प्रेरणा लेकर गांव के अन्य किसान भी बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं. अब यही किसान बागवानी के साथ-साथ इसी जमीन पर विभिन्न फसलें उगाकर रहे हैं. अब किसानों द्वारा सोयाबीन, अरबी, मिर्च, अदरक, हल्दी, लहसुन और प्याज इत्यादि की फसलें लगाकर अतिरिक्त आमदनी अर्जित की जा रही है. उद्यान विभाग हमीरपुर के अनुसार जल्द ही बकारटी गांव की 10 हेक्टेयर भूमि पर बागवानी शुरू की जाएगी.