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देश का किसान और जनता कृषि कानून को लेकर सरकार के साथ: वीरेंद्र कंवर

मंत्री वीरेन्द्र कंवर नादौन विधानसभा क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसान पूरी स्वतंत्रता के साथ अपना उत्पाद को तैयार करके चाहे एपीएमसी से में बेचे चाहे खुले बाजार में चाहे कंट्रैक्ट फार्मिंग से बेचे. इससे निश्चित रूप से किसान की आय दोगुनी तीन गुना होगी जो वर्षों से किसान इंतजार कर रहा था.

Minister Virendra Kanwar on Agricultural law
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Published : Sep 29, 2020, 9:38 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 10:40 PM IST

नादौन: केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा जो कृषि बिल लाया है हिमाचल प्रदेश की जनता व सरकार इस नए कृषि बिल का स्वागत करती है. पिछले 42 वर्षों से इस देश के किसानों को ठगा जा रहा है. पहली बार यदि किसी ने किसानों के बारे में सोचा है तो वह मोदी सरकार है. यह बात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कही.

वह नादौन विधानसभा क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसान पूरी स्वतंत्रता के साथ अपना उत्पाद को तैयार करके चाहे एपीएमसी से में बेचे चाहे खुले बाजार में चाहे कंट्रैक्ट फार्मिंग से बेचे. इससे निश्चित रूप से किसान की आय दोगुनी तीन गुना होगी जो वर्षों से किसान इंतजार कर रहा था.

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मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि जहां तक एपीएमसी का विषय है एपीएमसी में पूरा कंपीटीशन होगा ज्यादा से ज्यादा किसान को उत्पाद का सही मूल्य मिलना एपीएमसी भी काम करेगी समर्थन मूल्य भी मिलेगा. खुले बाजार में भी विकल्प है कि वह अपना उत्पाद जहां बेचना चाहे बेच सकता है. कृषि बिल बारे जैसे ही केन्द्र से स्वीकृति आती है तो हिमाचल की सरकार पहली सरकार होगी जो इसे तुरंत किसानों के हित में लागू करेगी.

मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि पशुपालकों के लिए डेयरी फार्मिंग के तहत दूध गंगा योजना शुरू की हैं. जिनमें महिला समूहों को 30 प्रतिशत व अन्य पशुपालकों को 25 प्रतिशत तक सबसिडी दी जा रही है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने माना कि वास्तव में दूध उत्पादकों को दूध विक्रय की समस्या आ रही है.

मिल्कफेड को उनका दूध खरीदना चाहिए इस बारे में संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे. अमूल दूध की तर्ज पर प्रदेश में भी सोसायटी मोड पर चले, ताकि दूध उत्पादकों को समस्या न आए. दूध प्रोडक्शन में प्रदेश पांचवे नंबर पर है, लेकिन प्रक्योर में मात्र अढाई प्रतिशत है. जिसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

Last Updated : Sep 29, 2020, 10:40 PM IST

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