भोरंज/हमीरपुर: जिला हमीरपुर के भोरंज उपमंडल में प्रवासी मजदूरों के चेहेर पर एक बार फिर खुशी साफ झलक रही है. काम मिलने से उनकी जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. इससे प्रवासी मजदूरों के हालात भी सुधरने लगे हैं. लॉकडाउन के कारण काम धंधे बंद हो गए थे, जिसके कारण मजदूरों की आमदनी का जरिया भी बंद हो गया था. वहीं, अब दिहाड़ी मजदूरी लगाने वाले प्रवासी मजदूरों को काम मिलना शुरू हो गया है.
भोरंज क्षेत्र में भवन निर्माण के कार्य में जुटे मजदूर, मिस्त्री, टाइल लगाने वाले, कारपेंटर, दर्जी, कबाड़ी और वेल्डरों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा था, लेकिन अब निर्माण कार्य शुरू होने के बाद उनकी स्थिति कुछ सुधर रही है.
गौरतलब है कि भोरंज उपमंडल के जाहू, मुंडखर, सुलगवान, भरेड़ी, बस्सी-भोरंज, तरक्वाड़ी, लदरौर, पट्टा व अन्य कस्बों में मजदूर बढ़ी संख्या में रहते थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन व कर्फ्यू के कारण रोजी-रोटी की मुसीबत होने के चलते कुछ मजदूर घरों को लौट गए हैं. वहीं, कुछ बचे हुए लोग अब अपने काम धंधों में जुट गए हैं. अब उन मजदूरों को काम मिलने लगा है, जिससे अब उनकी रोजी रोटी का गुजारा होने लगा है.