हमीरपुर/बड़सर:उपमंडल बड़सर कीसकरोह पंचायत के बुढाण गांव में मक्की की फसल तबाह हो गई है. इलाके में पूरे के पूरे मक्की के खेत ऐसे तबाह हुए कि मक्की का एक भी पौधा पूरे खेत में खड़ा नहीं दिखाई दे रहा है.
किसान भी मौसम की मार देखकर दंग रह गए हैं. किसानों का कहना है कि अबकी बार समय पर बारिश होने के कारण मक्की की फसल अच्छी हुई थी, लेकिन तूफान के कारण किसानों की मेहनत बर्बाद बो गई.
किसानों का कहना है कि उन्होंने महंगे दामों पर ब्लॉक कार्यालय से मक्की के बीज खरीदे थे. फसल भी अच्छी हुई थी, लेकिन इस तूफान ने सब कुछ तबाह कर दिया है. कई किसानों ने कृषि कार्ड बनवाकर बैंक से लोन भी लिया है. किसानों ने इसके लिए कृषि विभाग से मुआवजा देने की अपील की है.
कृषि विषय विशेषज्ञ डॉ. हेमराज वर्मा का कहना है कि कर्मचारियों को मौके पर भेजा जाएगा और किसानों की बर्बाद हुई फसल का मूल्यांकन करके मुआवजा देने की कोशिश की जाएगी.
कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने विकास खंड बिझड़ी के गांवों का किया दौरा
उपमंडल में मक्की की फसल में तना सड़न रोग लगने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. मक्की में सड़न रोग लगने के चलते किसानों की लहराती खड़ी मक्की की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो तना सड़न रोग मक्की के खेत में पानी का निकास सही नहीं होने की सूरत में लगता है.
जैसे ही मक्की सड़न रोग की समस्या को लेकर किसान कृषि विभाग के अधिकारियों के पास पहुंचे तो उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र रेल बड़ा से वैज्ञानिकों की टीम उपमंडल के टिक्कर राजपूता उसनाड कला, खाजियां, बिझड़ी बिहाल, करहा, पदयाण, बल्ह बिहल्, बल्याह गांवों का दौरा किया.
साथ ही साथ टीम ने तना सड़न रोग के बारे में किसानों को अवगत करवाया इस रोग से मक्की के पौधों को कैसे बचाया जा सकता है. इसके क्या लक्षण होते हैं और इनकी रोकथाम कैसे की जाती है इसके बारे क्षेत्र के किसानों को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की. इस टीम में कृषि वैज्ञानिक डॉ. चमन चौहान डॉ. नवनीत, डॉ. अंजना, कृषि विशेषज्ञ हेमराज ठाकुर मौजूद रहे.
पढ़ें:धारा 118 में लाई जाएगी पारदर्शिता, पूरा सिस्टम होगा ऑनलाइन