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पेट्रोल पंप की नौकरी छोड़ शुरू की फूलों की खेती, हमीरपुर के दो युवाओं ने ऐसे बदली अपनी किस्मत - Floriculture in Hamirpur

हमीरपुर जिले के दो युवा करनैल सिंह और विशाल सिंह फूलों की खेती से सालाना 5 से 6 लाख रुपये तक की आमदनी आर्जित कर रह हैं. जिससे अपनी आजीविका चलाने के साथ-साथ दोनों प्रदेश के दो युवाओं के लिए मिसाल बन रहे हैं.

Vishal Singh changed life by flowers cultivating
पेट्रोल पंप की नौकरी छोड़ शुरू की फूलों की खेती

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Published : Jun 3, 2023, 9:45 PM IST

पेट्रोल पंप की नौकरी छोड़ शुरू की फूलों की खेती

हमीरपुर:नादौन विधानसभा क्षेत्र के दो युवकों ने स्वरोजगार अपनाकर अपनी किस्मत चमकाई है. कभी पेट्रोल पंप पर ये 10 से 15 हजार की नौकरी करते थे, लेकिन आज दोनों फूलों की खेती से महीने का 50 हजार रुपये कमा रहे हैं. इसके साथ ही दोनों क्षेत्र के लोगों के लिए मिसाल बन रहे हैं. देखिए पूरी खबर...

फूलों की खेती से चमकी किस्मत: हमीरपुर जिला में फूलों की खेती स्वरोजगार का साधन बन रही है. निजी कंपनी और पेट्रोल पंप पर नौकरी करने वाले नादौन के दो युवाओं ने फूलों की खेती कर अपनी किस्मत को चमकाया है. महीने का 10 से 15000 कमाने वाले अब हर माह 50,000 कमा रहे हैं. जहां पहले ये लोग पहले सालाना एक से डेढ़ लाख की कमाई करते थे. अब दोनों की सालाना 5 से 6 लाख के बीच कमाई हो गई है.

पुष्प क्रांति योजना का उठाया लाभ:ये कहानी है नादौन विधानसभा क्षेत्र के करड़ी गांव निवासी युवा विशाल सिंह और करनैल सिंह की. जो फूल उत्पादन करके सालाना 5 से 6 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. विशाल और करनैल सिंह ने हिमाचल सरकार की पुष्प क्रांति योजना का लाभ उठा कर कारनेशन फूलों की खेती कुछ साल पहले शुरू की थी. हालांकि, इन दोनों को कोरोना काल में काफी नुकसान भी उठाना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उसकी का नतीजा है कि आज दोनों की मेहनत रंग ला रही है.

कभी पेट्रोल पंप विशाल करते थे नौकरी: विशाल सिंह ने बताया कि वह पहले चंडीगढ़ में पेट्रोल पंप पर नौकरी किया करते थे. जहां उन्हें 12 से 15 हजार रुपये मिलते थे, लेकिन चंडीगढ़ के खर्च के साथ-साथ घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा था. उन्हें शुरू से ही फूलों से लगाव रहा था. जिसके चलते उन्होंने उद्यान विभाग से पुष्प उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की. उसके बाद उन्होंने चार पॉलीहाउस में पुष्प उत्पादन शुरू किया. जिससे उन्हें सालाना 5 से 6 लाख रुपये की आमदनी हो रही है.

फूलों की खेती करने से मां थी नाराज: विशाल सिंह की माता कौशल्या देवी ने बताया वे अपने बेटे को पुष्प उत्पादन करने से रोक रही थी. जिसके चलते वह बेटे से नाराज रही. क्योंकि उपजाऊ भूमि पर विशाल सिंह ने फूलों की खेती शुरू कर दी थी, लेकिन अब फूल उत्पादन से सालाना बढ़ती आय में बढ़ोतरी हो रही है, जिसे देखकर खुशी हो रही है.

फूल की खेती से सलाना लाखों में कमाई: वहीं, करनैल सिंह ने बताया वह पहले बेरोजगार थे. इसके बाद उन्होंने पुष्प उत्पादन के बारे में सोचा और उद्यान विभाग नादौन से पुष्प उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की. जहां उन्हें विभाग से पुष्प उत्पादन में सब्सिडी मिलने का भी पता चला. उसके बाद उन्होंने चार पॉलीहाउस लगाए, जिसमें उन्होंने कारनेशन और मेरीगोल्ड फूल का उत्पादन शुरू किया. उसके बाद उनकी आजीविका में लगातार बढ़ोतरी होते चली गई. आज करनैल सिंह को सालान 5 से 6 लाख रुपये की आमदनी हो रही है.

30 किसान फूलों की खेती से जुड़ें: उद्यान विभाग की जानकारी अनुसार हमीरपुर जिले में लगभग साढ़े सात हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती की जा रही है. जिला में करीब 30 किसान फूलों की खेती कर अपनी आजीविका चला रहे हैं. हमीरपुर जिला में मुख्यत: कारनेशन और मेरीगोल्ड के फूलों की खेती की जा रही है.

30 बागवानों को दिया गया प्रशिक्षण: हमीरपुर जिले में 30 बागवानों को कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में सात दिन का प्रशिक्षण दिया गया. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिव कुमार ने भी पॉलीहाउस में कारनेशन फूल की खेती शुरू की. जिसकी दिल्ली जैसे बड़े शहरों में काफी मांग रहती है. शिव कुमार का यह प्रयोग पूरी तरह कामयाब रहा और उन्हें एक पॉलीहाउस से ही अच्छी आमदनी होने लगी.

साढ़े सात हेक्टेयर में फूलों की खेती:उद्यान विभाग की एसएमएस मोना ठाकुर ने बताया हमीरपुर जिले में साढ़े सात हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती की जा रही है. जिससे किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है. करड़ी गांव के विशाल और करनैल सिंह ने फूलों की खेती से अच्छी आमदनी हासिल कर रहे हैं. वहीं, नादौन उद्यान विभाग की कृषि अधिकारी निशा मेहरा ने बताया विशाल और करनैल सिंह ने उनसे पुष्प उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की थी. जिसके चलते आज दोनों को अच्छी आमदनी हो रही है इसके साथ दोनों अन्य बेरोजगार युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं.

उद्यान विभाग की अधिकारी सुमन भाटिया ने बताया उद्यान विभाग की मदद से विशाल सिंह ने पॉलीहाउस लगाया. उसके बाद उन्हें कारनेशन और मेरीगोल्ड फूलों की खेती करने की सलाह दी गई. जिसके बाद विभाग की जो योजनाएं हैं, उनके तहत विशाल को लाभाविंत किया गया. फूलों के पैकिंग के लिए पैकहाउस भी उद्यान विभाग की तरफ से बनाया गया है.

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