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कोचिंग सेंटर निकला पेपर बिक्री का अड्डा, विजिलेंस की जांच में जल्द होगा खुलासा यहां से कितने लगे सरकारी नौकरी

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Published : Dec 25, 2022, 9:10 AM IST

कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक का कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. मामले में दलाल संजीव कुमार एक डमी कोचिंग सेंटर चलाकर कर कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के पेपर को बेचने का कार्य कर रहा था. इस कोचिंग इंस्टिट्यूट में कोचिंग लेने वाले विद्यार्थी हमीरपुर के अलावा अन्य कई जिलों के भी हैं ऐसे में पेपर लीक मामले के तार प्रदेश भर के कई जिलों से जुड़ रहे हैं. अब विजिलेंस की टीम इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि यह कोचिंग सेंटर कब से चल रहा था और अब तक कितने स्टूडेंट्स ने यहां से कोचिंग ली है और वर्तमान में उन स्टूडेंट्स का क्या स्टेटस है.

JOA paper leak case in Himachal
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी महिला.

हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक का कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. इस प्रकरण में दलाल संजीव कुमार एक डमी कोचिंग सेंटर चलाकर कर कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के पेपर को बेचने का कार्य कर रहा था. विजिलेंस की प्रारंभिक छानबीन में यह बड़ा खुलासा हुआ है और अब विजिलेंस जिला मुख्यालय में स्थित टाइपिंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट और कोचिंग सेंटर के तमाम रिकॉर्ड को खंगालेगी. विजिलेंस की टीम ने इस कोचिंग सेंटर का रिकॉर्ड भी अपने कब्जे में ले लिया है और अब यहां पर टाइपिंग सीखने और कोचिंग लेने वाले तमाम स्टूडेंट से भी पूछताछ की जाएगी.

यह माना जा रहा है कि कोचिंग सेंटर का संचालक संजीव कुमार जोकि सरकाघाट का रहने वाला है वह मुख्य आरोपी उमा आजाद के बेटे निखिल आजाद के साथ मिलकर पेपर के खरीदारों को तलाशता था. डील फाइनल होने के बाद ही कर्मचारी चयन आयोग के कर्मचारी उमा आजाद के जरिए पेपर की खरीद-फरोख्त को अंजाम दिया जाता था. माना यह भी जा रहा है कि एक-दो नहीं बल्कि कई परीक्षाओं के पेपर इन आरोपियों ने बेचे हैं ऐसे में अब जांच लंबी खींच सकती है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

इस कोचिंग इंस्टिट्यूट में कोचिंग लेने वाले विद्यार्थी हमीरपुर के अलावा अन्य कई जिलों के भी हैं ऐसे में पेपर लीक मामले के तार प्रदेश भर के कई जिलों से जुड़ रहे हैं. अब विजिलेंस की टीम इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि यह कोचिंग सेंटर कब से चल रहा था और अब तक कितने स्टूडेंट्स ने यहां से कोचिंग ली है और वर्तमान में उन स्टूडेंट्स का क्या स्टेटस है.

परीक्षा से 2 दिन पहले होता था लेनदेन: सूत्रों के मुताबिक कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं के नोटिफिकेशन के वक्त ही आरोपी अपने कोचिंग सेंटर के जरिए ग्राहक को ढूंढना शुरू कर देते थे. पेपर बेचने के लिए कोचिंग सेंटर के जरिए ही मुख्य आरोपी उमा आजाद का बेटा और दलाल संजीव कुमार इस कार्य को करता था. पेपर के खरीदार अभ्यर्थियों को आश्वस्त करने के बाद परीक्षा से 2 दिन पहले ही पैसे का लेनदेन होता था और पेपर मुहैया करवाए जाते थे. कुछ इस तरह से ही जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 का पेपर भी बेचा गया था, लेकिन एक अभ्यर्थी की शिकायत में यह बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया. (JOA paper leak case in Himachal) (Accused in HPSSC JOA paper leak case)

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी महिला.

कब से चल रहा है कोचिंग सेंटर, अब तक कितने स्टूडेंट की यहां से लगी नौकरी: विजिलेंस की टीम अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि दलाल संजीव कुमार का यह कोचिंग सेंटर कब से हमीरपुर में चल रहा है अब इस कोचिंग सेंटर में कोचिंग लेने वाले सभी स्टूडेंट से पूछताछ की जाएगी और यह भी पता लगाया जाएगा कि यहां से कितने स्टूडेंट के कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं को पास कर नौकरी लगी है. आने वाले दिनों में परत दर परत जांच में बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है. (Himachal JOA Paper Leak)

कब्जे में लिया गया कोचिंग सेंटर का रिकॉर्ड:विजिलेंस थाना हमीरपुर के वरिष्ठ अधिकारी रेनू शर्मा का कहना है कि आरोपी संजीव कुमार जिला मुख्यालय में एक कंप्यूटर टाइपिंग ट्रेनिंग और कोचिंग सेंटर चलाता है यहां पर यह आरोपी पेपर के खरीदारों को तलाश कर पेपर बेचने का कार्य करता था. उन्होंने कहा कि इस सेंटर का रिकॉर्ड भी कब्जे में लिया गया है और गहनता से छानबीन की जा रही है.

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