सुजानपुरःजैविक कृषि और स्वच्छता अभियान से बना बीमारी मुक्त समाज महिला सशक्तिकरण के लिए सहायक कदम सिद्ध होगा. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कृषि विभाग की ओर से समीरपुर में आयोजित किसान प्रशिक्षण शिविर में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने उपस्थित सैकड़ों महिलाओं को प्रेरणा देते हुए यह बात कही. धूमल ने अपने गांव समीरपुर में किसान प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए कृषि विभाग का धन्यवाद भी व्यक्त किया.
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रासायनिक खाद की बजाय पारम्परिक खाद
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किसानों से रसायनयुक्त खेती के बजाय प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की है. रासायनिक खाद की बजाय पारम्परिक तरीके से पशुओं के गोबर की खाद देना, रासायनिक कीटनाशकों की जगह फल सब्जियों के पौधों पर चूल्हे की राख बिखेरना. त्योहारों पर अब तो कई जगह सुनने में आता है कि रसायनों से मिठाई बन रही है, फल सब्जी तैयार की जा रही है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह है और बीमारी फैलाने वाला है, इसलिए जैविक खेती करनी चाहिए.
1917 में हुई महिला सशक्तिकरण की शुरुआत
प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित लोगों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रो. धूमल ने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1917 में रूस में महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस नामक बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा किया था. इसके कारण रूस में युद्ध खत्म हुआ और बाद में जो सरकार बनी उसने महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया तबसे ही महिला सशक्तिकरण की शुरुआत हो गयी थी.