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खेती के लिए अब मिट्टी की नहीं होगी जरूरत, पानी में उगेंगी सब्जियां, जानें कैसे - How To Do Hydroponic Farming

हमीरपुर जिले के किसान सुभाष सिंह हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कर रहे हैं. क्या होती है ये खेती और इसके क्या फायदे हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर....(Hydroponic Farming in Hamirpur)

Hydroponic Farming in Hamirpur
Hydroponic Farming in Hamirpur

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Published : Dec 17, 2022, 7:17 PM IST

Updated : Dec 17, 2022, 7:32 PM IST

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हमीरपुर:जिले के स्वाहल गांव के किसान सुभाष सिंह आधुनिक तकनीक से खेती कर एक मिसाल कायम कर रहे हैं. सुभाष सिंह ने हाइड्रोपोनिक फार्मिंग को अपनाया है और 500 पौधे लेटस के लगाए हैं. वहीं, इस काम में उन्हें हिमुथान सोसाइटी काफी सहयोग कर रही है. (Hydroponic Farming in Hamirpur)

क्या होती है हाइड्रोपोनिक फार्मिंग:हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती करने के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है. यह एक आधुनिक खेती है, जिसमें पानी का इस्तेमाल करते हुए जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है. हाइड्रोपोनिक तरीके से फार्मिंग के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती है. केवल अपनी जरूरत के हिसाब से इसका सेटअप तैयार करना पड़ता है. (what is hydroponic farming)

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कम समय में तैयार होती है फसल:किसान सुभाष सिंह ने इस तकनीक को जानने के लिए उत्तराखंड में प्रशिक्षण भी लिया है. उन्होंने इस तकनीक के बारे में बताया कि हाइड्रोपोनिक खेती के माध्यम से फसल 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती है और 1 साल में 8- 9 फसलें तैयार कर सकते हैं. किसान सुभाष सिंह ने ये भी बताया कि ये तकनीक कैसे काम करेगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस फसल से उनको आर्थिक लाभ मिलेगा. इसके अलावा उन्होंने अन्य किसानों को भी इस खेती को अपनाने की सलाह दी.

हाइड्रोपोनिक फार्मिंग को दिया जा रहा बढ़ावा:हिमुथान सोसाइटी के कृषि विशेषज्ञ रणदीप सिंह ने बताया कि समग्र ग्रामीण परियोजना के तहत सुजानपुर के 12 गांवों में और नादौन ब्लॉक के 8 गांव में आधुनिक खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्वाहल गांव में बीते साल पॉलीहाउस में हाइड्रोपोनिक फार्मिंग शुरू की है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि सोसाइटी के द्वारा पशुपालन, शिक्षा, कृषि संबंधी इत्यादि गतिविधियों को लेकर काम किया जा रहा है.

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हाइड्रोपोनिक फार्मिंग का दिया जा रहा प्रशिक्षण: रणदीप सिंह ने बताया कि इससे पहले एग्जॉटिक वेजिटेबल लगाने का काम कुल्लू मनाली जैसे ठंडे इलाकों में ही हो रहा था लेकिन अब महंगी सब्जियों की पैदावार हमीरपुर जैसे गर्म क्षेत्रों में भी होने लगी है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयास को साकार करने के लिए हाइड्रोपोनिक फार्मिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे किसानों को ज्यादा फायदा हो सके. उन्होंने बताया कि एक लाख तीस हजार रुपये की लागत से हाइड्रोपोनिक फार्मिंग का ढांचा तैयार किया गया है.

वहीं, देहरादून से आए कृषि विशेषज्ञ गणेश विष्ट ने बताया कि पिछले सात सालों से हाइड्रोपोनिक फार्मिंग का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक फार्मिंग के बाद बाजार में उत्पादों को बेचने के लिए भी काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हमीरपुर में पहली बार 500 पौधों का प्लांट लगाया है जिसमें लेटस को उगाया गया है. उन्होंने इस तकनीक के बारे में जानकारी दी और इस आधुनिक खेती के क्या फायदे हैं ये बताया.

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Last Updated : Dec 17, 2022, 7:32 PM IST

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