हमीरपुर: बाल स्कूल हमीरपुर के ग्राउंड में बने तिरंगा स्मारक पर पिछले कई दिनों से लहराता हुआ तिरंगा एक नहीं बल्कि कई जगहों से फट चुका है, लेकिन प्रशासन आंख मूंद कर बैठा हुआ है. हमीरपुर के उपायुक्त साहब हरिकेश मीणा से जब इस बारे में बात की गई तो डीसी ने इसे निरंतर प्रक्रिया बताया. अब सवाल यह है कि क्या तिरंगे का बार-बार इस तरह से अपमान होना एक निरंतर प्रक्रिया या फिर प्रशासन की बड़ी लापरवाही है.
प्रशासन की कोताही कर रही तिरंगे का अपमान, लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए DC ने दिया ये तर्क
हमीरपुर प्रशासन देश के तिरंगे की शान को बचा पाने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है. जिला में सरेआम देश की आन बान और शान तिरंगे का अपमान हो रहा है और प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है. मामले में हमीरपुर के डीसी का तर्क सुनकर तो हरकोई हैरत में रह जाएगा.
बता दें कि इससे पहले भी कई दफा तिरंगा फट चुका है और इसे बदला भी गया है, लेकिन अक्सर मीडिया में खबरें छपने के बाद ही इसे बदला जाता है. हालांकि प्रशासन को इस बारे में पहले से पूरी जानकारी होती है. तिरंगा स्मारक से उपायुक्त कार्यालय महज 200 मीटर की दूरी पर है और इसके बावजूद इस तरह की कोताही अपने आप में प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल है.
जब इस बारे में उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अलग-अलग जगह हवा की स्पीड अलग-अलग होती है, जिस वजह से तिरंगा फट जाता है. उन्होंने कहा कि इसे बदला भी जाता है और कई बार हटाया भी जाता है. यह एक निरंतर प्रक्रिया है और हम कोशिश करते हैं कि इसे मैनेज कर पाएं. डीसी ने प्रशासन की लापरवाही पर पर्दा डालते हुए ये कह कर बात टाल दी कि इसमें कोई मुद्दा नहीं है. बीच-बीच में तिरंगे को हटाया और लगाया जाता है.