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बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की उठी मांग, कर्मचारी बोले: अभी तक कट रहा NPS का शेयर - Himachal State Electricity Board Employees Union

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन (Himachal State Electricity Board Employees Union) ने हमीरपुर में जिला स्तरीय अधिवेशन के दैरान बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की है.

Electricity Board Hamirpur
बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की उठी मांग

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Published : May 17, 2023, 4:03 PM IST

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा.

हमीरपुर:प्रदेश सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का अभी भी एनपीएस कंट्रीब्यूशन कट रहा है. सरकार के दावों के विपरीत कर्मचारियों ने अन्य कर्मचारियों की भांति ही पुरानी पेंशन योजना को बिजली बोर्ड में भी लागू करने की मांग उठाई है. हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन का जिला स्तरीय अधिवेशन में हमीरपुर में यह मांग उठी है. अधिवेशन में कर्मचारी नेताओं ने यह दावा किया है कि अभी तक बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का NPS का शेयर कट रहा है.

स्मार्ट मीटरिंग पर कर्मचारियों ने उठाए सवाल:हमीरपुर में यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में यह अधिवेशन आयोजित हुआ जिसमें सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए. अधिवेशन के दौरान प्रमुखता से केंद्र की आरडीएस योजना में तहत की जा रही स्मार्ट मीटरिंग पर कर्मचारियों ने गंभीर सवाल उठाए और इस योजना को कटघरे में खड़ा किया. कर्मचारी संघ का दावा है कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के लिए यह योजना व्यवहारिक नहीं है. केंद्र सरकार की शर्त के अनुसार इस योजना को यदि लागू किया जाता है तो यहां निर्धारित लक्ष्य प्राप्त ना होने की स्थिति में ग्रांट के बजाय लोन में तब्दील हो जाएगी.

केंद्र की आरडीएस योजना का कड़ा विरोध:यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के जनरेशन और ट्रांसमिशन इनको बोर्ड से अलग कर कॉरपोरेशन को देने की बात सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि इससे निजी करण के दरवाजे खुलेंगे इसलिए इसका विरोध भी अधिवेशन में जताया गया है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में लागू की जा रही केंद्र की आरडीएस योजना का कड़ा विरोध जताया गया है. इस योजना के तहत की जा रही स्मार्ट मीटरिंग में रखे गए लक्ष्य व शर्तें प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों में व्यवहारिक नहीं है. यह योजना ना तो कर्मचारियों के हित में है और ना ही उपभोक्ताओं के हित में है.

केंद्र सरकार की शर्त के अनुसार लक्ष्यों के प्राप्त न होने पर इसमें दी जा रही ग्रांट लोन में बदल जाएगी. यदि इस योजना को लागू किया जाता है तो 200 करोड़ का जो पेंशन का दायित्व है उसे भी पूरा किया जाना संभव नहीं होगा. ऐसे में इस योजना का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को प्रदेश भर में लागू कर दिया गया है, लेकिन बिजली बोर्ड में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि एनपीएस की कटौती को जल्द से जल्द बंद किया जाए, क्योंकि अप्रैल महीने में भी बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का एनपीएस का शेयर कटा है.

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