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हमीरपुर: सरकारी सीमेंट घोटाले में होगी उच्च स्तरीय जांच, वन रक्षक पर लगे थे पैसे लेने के आरोप - Hamirpur government cement scam

जिला हमीरपुर की ग्राम पंचायत गाहलियां के एक गांव में हुए सरकारी सीमेंट घोटाले में अब वन विभाग मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाएगा. सरकारी सीमेंट घोटाले में वन रक्षक पर सीमेंट की एवज में 15 हजार रुपये लेने के आरोप लगे थे. मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जिला वन विभाग ने उच्च स्तर से टेक्निकल टीम भेजने के लिए कहा है.

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Published : Jul 6, 2021, 6:49 PM IST

हमीरपुर: तहसील गलोड़ के तहत आने वाली ग्राम पंचायत गाहलियां के एक गांव में हुए सरकारी सीमेंट घोटाले में अब वन विभाग मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाएगा. डीएफओ हमीरपुर (DFO Hamirpur) ने इस मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन की उच्च अधिकारियों से सिफारिश की है.

सरकारी सीमेंट घोटाले में वन रक्षक पर सीमेंट की एवज में 15 हजार रुपये लेने के आरोप लगे थे. मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जिला वन विभाग ने उच्च स्तर से टेक्निकल टीम भेजने के लिए कहा है. यह टीम इस बात का पता लगाएगी कि सरकारी सीमेंट किस कार्य के लिए आया था. जो भी कार्य संबंधित वन वीट में विभागीय अधिकारियों व कर्मियों द्वारा किए गए है उनकी गुणवत्ता भी जांची जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट.

इसके साथ ही जो सरकारी सीमेंट पुलिस ने पकड़ा था, वह किस कार्य में प्रयोग किया जाना था, इसकी भी जांच होगी. डीएफओ हमीरपुर एलसी वंदना ने कहा कि सरकारी सीमेंट घोटाले में उच्च स्तरीय जांच होगी. टेक्निकल टीम इस मामले में छानबीन करेगी. संबंधित वन वीट में हुए कार्यों की गुणवत्ता भी जांची जाएगी.

सरकारी सीमेंट के 50 बैग पुलिस ने पकड़े थे

हालांकि वन विभाग ने अपने स्तर पर भी मामले की जांच की है, लेकिन टेक्निकल टीम की मामले सही ढंग से जांच कर पाएगी. निष्पक्ष जांच होने के बाद पता चल जाएगा कि आखिरकार चूक किस स्तर पर हुई है. बता दें कि 17 जून 2021 को गाहलियां पंचायत के एक गांव में सरकारी सीमेंट के 50 बैग पुलिस ने पकड़े थे.

इस सीमेंट को निजी कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाना था और एक परिवार के कमरे में इसे रखा गया था. जो व्यक्ति सीमेंट लेकर आया था उसने वन रक्षक पर आरोप लगाए थे कि वन रक्षक ने 15 हजार रुपये लेकर इसे यह सीमेंट दिया है. बाद में पुलिस ने सीमेंट लाने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था.

आरोपी वन रक्षक को मिल गई थी जमानत

न्यायालय में पेश करने के बाद इसे चार दिन पुलिस रिमांड भी मिला. वहीं, जिस वन रक्षक पर सीमेंट की एवज में 15 हजार रुपये लेने के आरोप लगे थे, उसने न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी. इसकी जमानत याचिका मंजूर हो गई थी.

वन रक्षक ने 15 हजार रुपये पुलिस के सुपुर्द कर दिए थे

बताया यह भी जा रहा है कि संबंधित वन रक्षक ने 15 हजार रुपये पुलिस के सुपुर्द कर दिए थे. बाद में वन विभाग ने मामले की जांच की, लेकिन जांच में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकी. अब वन विभाग (Forest department) ने उच्च स्तर से मामले की जांच के लिए टेक्निकल टीम भेजने के लिए कहा है.

यह टीम संबंधित वन वीट में हुए कार्यों की गुणवत्ता की जांच करेगी. विभागीय जांच में पता चल जाएगा कि इस वन वीट के तहत होने वाले कार्य नियमों के अनुरूप हुए हैं या फिर इनमें भी किसी तरह की कोताही बरती गई है.

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