हमीरपुर: शिमला मटौर फोरलेन के 4 ए पैकेज में हमीरपुर बाईपास के निर्माण की जद में आने वाले मकानों और पेड़ों की असेसमेंट प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. 17 किमी लंबे हमीरपुर बाईपास के निर्माण में लोगों के आशियाने कम टूटेंगे, लेकिन हजारों पेड़ों की बलि जरूर चढ़ेगी. दरअसल, हमीरपुर उपमंडल के तहत ही 12 गांव के 35 घर फोरलेन की जद में आएंगे, जबकि तीन गांव ऐसे हैं, जहां पर वनभूमि से होकर बाईपास बनेगा. यहां पर अधिकतर वनभूमि पर आने वाले हजारों पेड़ फोरलेन के इस निर्माण में विकास की भेंट चढ़ेंगे.
दरअसल, फोरलेन के इस पैकेज में जमीन अधिकग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब यहां फोरलेन की जद में आने वाले मकानों की असेसमेंट का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार, हमीरपुर उपमंडल के तहत पैकेज 4 ए में 35 मकान फोरलेन की जद में आएंगे. इन मकानों के मालिकों को भू-अधिग्रहण अधिकारी एवं एसडीएम हमीरपुर की तरफ से नोटिस भेजे गए हैं. वहीं, मकान मालिकों को अपने बैंक खातों की जानकारी जल्द प्रशासन को सौंपनें के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उन्हें पेड़ों और मकानों का मुआवजा जारी किया जा सके.
निजी भूमि पर कटंगे हजारों फलदार पौधे: बताया जा रहा है कि निजी भूमि पर कटने वाले हजारों फलदार और अन्य पौधों को करोड़ों रुपये मुआवजा बन रहा है. यह मुआवजा प्रभावितों को जारी करने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इतना ही नहीं वन मंडल हमीरपुर को वन भूमि पर काटे जाने वाले पेड़ों के मुआवजे की राशि जारी कर दी गई है.