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त्योहारी सीजन के चलते एक्शन मोड में फूड सेफ्टी विभाग, लाइसेंस जांच और सैंपलिंग प्रक्रिया हुई तेज

फूड सेफ्टी विभाग हमीरपर में त्योहारी सीजन को लेकर कमर कस ली है. रूटीन में कारोबारियों के लाइसेंस चेक किए जा रहे हैं. साथ ही खाने पीने के चीजों के सैंपल भी भरे जा रहे हैं. हमीरपुर में पहले स्वास्थ्य विभाग ही फूड सेफ्टी विभाग के कार्य को देख रहा था, लेकिन अब सरकार ने हाल ही में इसके लिए फूड सेफ्टी विभाग अलग से सृजित किया है, जिसके बाद सैंपल की प्रक्रिया तो तेज हुई है.

hamirpur food safety assignment
hamirpur food safety assignment

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Published : Nov 13, 2020, 7:16 PM IST

हमीरपुर: त्योहारों सीजन शुरू होते ही फूड सेफ्टी विभाग की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है. बाजार में खाने पीने की चीजों की खपत में भी इजाफा होता है. इस बार कोरोना के चलते फूड सेफ्टी विभाग एक्शन मोड में है. हमीरपुर जिला में छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों के लिए लाइसेंस चैक किए गए हैं. एक दो दुकानदार पाए गए हैं, जिन्हें लाइसेंस लेने के लिए कहा गया है.

लाइसेंस को लेकर बाकायदा कुछ महीने पहले विभाग की ओर से वर्कशॉप भी आयोजित की गई थी. अब अधिकतर दुकानदार बड़े बाजारों में लाइसेंस के साथ ही काम कर रहे हैं. बिना लाइसेंस के कारोबार करने वाले खाद्य पदार्थों से जुड़े व्यापारियों की धरपकड़ के लिए विभाग भी कार्य कर रहा है. हालांकि यह कार्य बड़े बाजारों तक सीमित है.

वीडियो.

पहले स्वास्थ्य विभाग देखता था फूड सेफ्टी विभाग का काम

पूर्व में स्वास्थ्य विभाग ही इस कार्य को देख रहा था, लेकिन अब सरकार ने हाल ही में इसके लिए फूड सेफ्टी विभाग अलग से सृजित किया है, जिसके बाद सैंपल की प्रक्रिया तो तेज हुई है लेकिन यहां उपमंडल स्तर तक लागू करना अभी बाकी है. वहीं, हमीरपुर के बाजार से सैंपल तो विभाग लगातार उठा रहा है, लेकिन मैन पावर की कमी विभाग को पेश आ रही है.

हमीरपुर जिला के कारोबारियों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि दुकान के लाइसेंस के लिए ऑनलाइन ही आवेदन करना होता है कर्मचारियों के मेडिकल और अन्य सर्टिफिकेट जैसी कई औपचारिकताएं भी पूरी करनी पड़ती है. विभाग के कर्मचारी समय-समय पर निरीक्षण करने आते हैं. वहां साफ सफाई का ध्यान रखने के निर्देश देते हैं. इसके अलावा सैंपल भी लिए जाते हैं.

उपभोक्ता संरक्षण संगठन हमीरपुर के अध्यक्ष सुशील शर्मा का कहना है कि विभाग में कहीं ना कहीं मैन पावर की कमी है. जिस वजह से व्यापक स्तर पर यह काम नहीं हो पा रहा है. जिला मुख्यालय या बड़े बाजारों में तो सैंपल लिए जाते हैं, लाइसेंस भी चेक किए जाते हैं, लेकिन ग्रामीण स्तर पर यह कार्य नहीं हो रहा है. खंड स्तर पर फूड सेफ्टी ऑफिसर तैनात करने की जरूरत है और सरकार को इस दिशा में कार्य करना चाहिए.

वहीं, फूड सेफ्टी ऑफिसर हमीरपुर मधुबाला का कहना है कि विभाग इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है और पिछले दिनों करियाने का कारोबार करने वाले दो व्यापारियों को लाइसेंस न होने पर चेतावनी जारी की गई है यदि भविष्य में इस तरह से यह लापरवाही बरती जाती है तो इन कारोबारियों खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है.

हर छोटे बड़े कारोबार के लिए चाहिए लाइसेंस

आपको बता दें कि चाय की दुकान करने वाले से लेकर बड़े होटल अथवा रेस्टोरेंट को भी लाइसेंस लेना जरूरी होता है. वहीं, हमीरपुर जिला में दर्जनों होटल रेस्टोरेंट और छोटे-बड़े ढाबे हैं. ऐसे में लाइसेंस की जांच करना भी बड़ा कार्य है.

विभाग के अधिकारियों को मानें तो उन्हें खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आती रहती हैं. इस कार्य के बीच में ही लाइसेंस के कार्य को भी किया जाता है और समय-समय पर इसकी जांच की जाती है, लेकिन यह किसी से छुपा नहीं है कि ऑनलाइन प्रक्रिया में कई दफा लंबे समय तक व्यापारी बिना लाइसेंस के भी कार्य करते रहते हैं.

हालांकि पिछले कुछ समय से इस कार्य में सुधार हुआ है. व्यापारियों को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर का भी आयोजन विभाग की तरफ से किया जाता है और रूटीन में लाइसेंस इत्यादि की जांच भी अनिवार्य की गई है.

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