हमीरपुर:जिले में सूखे के हालात पैदा होने के बाद पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. सूखे की वजह से गेहूं की 30% से अधिक फसल तबाह हो चुकी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण अब किसानों के चेहरे खिल गए हैं. जिले में हर साल 30000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की जाती है. बंपर फसल होने पर 52360 मीट्रिक टन पैदावार की उम्मीद लगाई जा रही थी ,लेकिन अभी तक 30% के लगभग 15708 मीट्रिक टन उत्पादन कम होने की आशंका है.
2022 में हुआ करीब 35 करोड़ का नुकसान:कृषि विभाग हमीरपुर के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है. हालांकि यह उम्मीद जताई जा रही है कि देर से ही सही ,लेकिन बारिश शुरू होने से पिछले साल के मुकाबले इस बार नुकसान कम होगा. साल 2022 में भी सूखे की वजह से करीब 35 करोड़ का नुकसान हमीरपुर जिले को हुआ था. इस बार अप्रैल महीने तक नुकसान का यह आंकड़ा 30 करोड़ तक पहुंच गया है. मई महीने में उत्पादन के आंकड़े कृषि विभाग हमीरपुर के पास होंगे. इन आंकड़ों के आधार पर ही पिछले सालों के उत्पादन की तुलना की जाएगी.
अक्टूबर में की गई बिजाई के लिए घातक बारिश: :पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश से गेहूं की फसल पर मिलाजुला असर होगा. दरअसल गेहूं की जल्द बिजाई यदि अक्टूबर में की गई है तो यह फसल उतनी लाभदायक साबित नहीं होगी ,लेकिन नवंबर महीने में बिजाई करने वाले किसानों के लिए कुछ हद तक यह फसल लाभकारी होगी. जिन क्षेत्रों में देरी से किसानों ने बिजाई की है उनकी फसल के लिए सूखे की मार से यह रिकवरी का काम करेगी.अक्टूबर और नवंबर के महीने में गेहूं की फसल की बिजाई होती हैं. ऐसे में देरी से जिन किसानों ने बिजाई की है उनके लिए यह बारिश राहत भरी है. जिन क्षेत्रों में अक्टूबर महीने में गेहूं की फसल की बिजाई की गई, वहां कटाई 15 से 20 दिन में शुरू होगी.