हमीरपुर:हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के युवा बागवान इन दिनों कारनेशन फूलों की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं. इसी के साथ वह प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार की राह भी दिखा रहे हैं. इन्ही युवा बागवानों में से एक हैं हमीरपुर जिले के उखली गांव निवासी शिवकुमार. जिन्होंने फूलों की खेती कर अपने आर्थिक जीवन को सुदृढ़ किया है. शिव ने न सिर्फ स्वरोजगार को अपनाया है, बल्कि कई बेरोजगारों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं. साल 2018 में शिव कुमार ने 1000 वर्ग मीटर एरिया में पॉलीहाउस लगाकर कारनेशन फूलों की खेती शुरू की. हालांकि, कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन अब वह लाखों रुपए कमा रहे हैं. आज उनके बागवान में उगाए गए फूल दिल्ली सहित कई राज्यों में अपनी महक बिखेर रहे हैं.
फूलों की खेती से शिव कुमार बने लखपति:शिव कुमार हर साल अब 5 से 8 लाख से अधिक की कमाई कर रहे हैं. 1000 वर्ग मीटर एरिया में 5 साल पहले शिव कुमार ने कारनेशन प्रजाति के फूलों की खेती शुरू की थी. इन फूलों की मेट्रो सिटी में खासी डिमांड रहती है. ऐसे में फूलों की खेती आपको भी मालामल बना सकती है. 5 साल पहले शिव कुमार ने सरकार की पुष्प क्रांति योजना का लाभ उठा कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. स्वरोजगार के साथी शिव कुमार कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. 1000 वर्ग मीटर के पोलीहाउस फूलों की खेती शुरू करने वाले शिवकुमार ने अब 3000 वर्ग मीटर एरिया में फूलों की खेती शुरू कर दी है. वर्तमान में वह 4 लोगों को रोजगार दे रहे थे जबकि कार्य करने पर वह 8 से अधिक लोगों को रोजगार देंगे. 1000 वर्ग मीटर एरिया में फूलों की खेती से वह ₹5 से 8 लाख कमा रहे हैं. जबकि आने वाले दिनों में सालाना 15 से 20 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य है.
हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत सब्सिडी:हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के अंतर्गत शिव कुमार को विभाग की तरफ से 28 लाख के सब्सिडी दी जा रही है. लगभग 40 लाख का प्रोजेक्ट लगाकर शिवकुमार स्वरोजगार के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. शिव कुमार अपने गांव में ही सब्जी बेचकर जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. सुबह से लेकर शाम तक सब्जी की बिक्री से होने वाली आय और कृषि योग्य थोड़ी सी जमीन से पत्नी वंदना, बूढ़ी माता और बेटियों वाले परिवार का गुजारा मुश्किल से हो पा रहा था. आय का कोई अन्य साधन नजर नहीं आ रहा था. मुश्किल के दौर का सामना करने पर शिवकुमार को पुष्ट क्रांति योजना में राह नजर आई. शिव कुमार ने बताया कि 85 प्रतिशत अनुदान वाली इस योजना के माध्यम से किसानों-बागवानों को इतनी मदद मिलती है, जितनी मदद शायद उनके अपने सगे-संबंधी भी नहीं कर सकते हैं.