सुजानपुर: केंद्रीय कांगड़ा बैंक में सत्ता का दुरुपयोग करके नियमों को ताक पर रखकर किस तरह बैंक के संसाधनों को लूटा जा रहा है. राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने ये बात जारी प्रेस बयान में कही. उन्होंने कहा कि बैंक के चेयरमैन को कागजों की हेरा-फेरी में किस तरह लाखों का लाभ केंद्रीय कांगड़ा बैंक ने दिया है. इस मामले पर वह पहले आवाज उठा चुके हैं.
बैंक की भ्रष्ट कारगुजारी के एक अन्य मामले में बैंक के एक अन्य निदेशक को भी भवन किराए की सूरत में लाखों का लाभ दिया जा रहा है. राणा ने खुलासा किया कि वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक निदेशक रह चुके इस व्यक्ति के किराए के गड़बड़झाले को लेकर किसी व्यक्ति ने शिकायत की थी, जिस पर उक्त निदेशक ने सरकार के समक्ष एफिडेविट रखा था कि वह जब तक बैंक के निदेशक रहेंगे, बैंक से किराया नहीं लेंगे, लेकिन बीजेपी सरकार के बनते ही ये महाशय फिर से बैंक के तीन सदस्यीय संचालक मंडल के सदस्य मनोनीत किए गए. उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके किराए से करोड़ों कमाने का मंसूबा बनाया.
चेयरमैन की तर्ज पर अपने भवन की देखरेख का जिम्मा उन्होंने अपनी पत्नी को दिया, जिसमें निदेशक की पत्नी ने बैंक के साथ समझौता दस्तावेज पर 1 अप्रैल 2019 को हस्ताक्षर किए, लेकिन इन दस्तावेजों को देखने पर साफ पता चलता है कि पत्नी की तरफ से उक्त निदेशक ने ही हस्ताक्षर किए हैं, जो कि अपने आप में जालसाजी का मामला है.