हमीरपुर: कांग्रेस के नेताओं की सक्रियता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. वर्तमान समय में कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल में प्रदेश जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी भंग कर दी है, लेकिन इन कार्यकारिणी के भंग होने से पूर्व भी जिला में एक मजबूत विपक्ष के नाते कांग्रेस की भूमिका बेहद ही कमजोर नजर आई है.
विधायक राजेंद्र राणा को छोड़ दें तो जिला में कांग्रेस के दो अन्य विधायक मौजूद हैं, लेकिन सरकार की नीतियों के खिलाफ इन दोनों ही विधायकों को बोलते हुए कभी नहीं देखा जाता है. सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा समय-समय पर सरकार के कार्यों और नीतियों की सार्वजनिक आलोचना करते हुए नजर आते हैं, जबकि विधायक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस सुखविंदर सिंह सुक्खू अधिकतर मौकों पर खामोश ही नजर आते हैं.
वहीं, यही हाल बड़सर से विधायक आईडी लखन पाल का है. लखन पाल कभी-कभार केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ बोलते हुए नजर आते हैं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में भाजपा सरकार के आने के बाद राठौर को कांग्रेस की कमान दिए जाने के बाद खामोश ही हैं. आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि जब इस बारे में प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी भंग कर दी गई हैं. नई कार्यकारिणी का विस्तार के बाद जिला और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस सक्रिय होगी, लेकिन विधायकों की सक्रियता को लेकर किए गए सवाल पर वह कुछ नहीं कह पाए.