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हमीरपुर में हो पाएंगे कोरोना के टेस्ट, सुक्खू ने दिए RC-PCR मशीन के लिए 35 लाख रुपये - corona virus test machine in Hamirpur

कोरोना की खौफ के बीच हमीरपुर और आसपास के जिलों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में जल्दी कोरोना समेत सभी वायरस के टेस्ट हो सकेंगे. नादौन कांग्रेस विधायक ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आरटी-पीसीआर मशीन खरीदने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अपनी विधायक निधि से 35 लाख रुपये देने की घोषणा की है.

MLA Sukhvindar Singh Sukhu
सुखविंद्र सिंह सुक्खू

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Published : Apr 5, 2020, 5:46 PM IST

हमीरपुरः कोरोना की खौफ के बीच हमीरपुर और आसपास के जिलों के लिए अच्छी खबर सामने आई हैं. हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में जल्दी कोरोना समेत सभी वायरस के टेस्ट हो सकेंगे.

नादौन के विधायक व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस-पालिमरेज चेन रिएक्शन) टेस्ट की मशीन खरीदने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अपनी विधायक निधि से 35 लाख रुपये देने की घोषणा की है.

सुक्खू ने हमीरपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन से खरीद प्रक्रिया पूरी कर एक महीने के अंदर टेस्ट मशीन स्थापित करने का अनुरोध किया है. जिससे कोरोना के संदिग्ध मामलों की पुष्टि हमीरपुर में हो सके.

इससे स्थानीय व आसपास के जिले के लोगों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. फिलहाल निजी लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट ( RT-PCR) 7000 रुपये में किया जा रहा है. विधायक सुक्खू ने कहा कि अभी हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में इस टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसके लिए यह टेस्ट मशीन जरूरी थी.

कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप पर काबू पाने के लिए संक्रमित मरीजों का समय पर पता चलना भी जरूरी है, इसलिए मशीन खरीदने के लिए उन्होंने अपनी विधायक निधि से 35 लाख रुपये दिए हैं.

हमीरपुर के साथ ही बिलासपुर, मंडी, ऊना व आसपास के क्षेत्रों के लोगों को कोरोना या अन्य वायरस के टेस्ट कराने के लिए न तो दूरदराज जाना होगा, न ही निजी लैब में मोटी रकम चुकानी होगी.

बता दें कि आरटी-पीसीआर टेस्ट से तत्काल यह पता चलता है कि संदिग्ध व्यक्ति सारस-कोविड-2 व अन्य वायरस से संक्रमित है या नहीं. इस मशीन से स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, इन्फ्लूएंजा सहित अनेक तरह के फ्लू और वायरस की जांच व तुरंत रिजल्ट संभव है.

पीसीआर टेस्ट वैसे तो 2000 रुपये तक में होता रहा है, लेकिन कोरोना के फैलने पर यह मार्केट में 7000 रुपये में किया जा रहा है. सुक्खू ने कहा कि बहुत से लोगों के तो टेस्ट ही समय पर नहीं हो पा रहे. लोगों को पता ही नहीं होता कि वे कौन से फ्लू से पीड़ित हैं.

बड़े मेडिकल कॉलेजों में कोरोना व अन्य फ्लू के टेस्ट के लिए लंबी लाइन लग रही हैं. नमूने पुणे भेजने के बाद जांच रिपोर्ट आने पर संदिग्ध में कोरोना की पुष्टि कर रहे हैं. तब तक काफी देर हो चुकी होती है.

आरटी-पीसीआर टेस्ट मशीन के मेडिकल कॉलेज में स्थापित होने पर जांच तेजी से होगी और लोगों की जान जाने का खतरा भी काफी कम हो जाएगा, क्योंकि टेस्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत उपचार शुरू हो सकेगा.

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