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देश मंहगाई से त्रस्त, सरकार चलाने वाले सत्ता मद में मस्त: राणा

राजेंद्र राणा ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि भाजपा सरकार के चलते देश में मंहगाई तमाम हदें पार हो चुकी हैं. देश में बढ़ती महंगाई के चलते आम आदमी को अपना जीवन बसर करना मुश्किल हो गया है. जनता की मूलभूत समस्याओं की सुनवाई करने वाला कोई नहीं बचा है.

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राजेंद्र राणा, कांग्रेस विधायक

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Published : Feb 13, 2020, 11:08 PM IST

सुजानपुर: कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. राजेंद्र राणा ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि भाजपा सरकार के चलते देश में महंगाई बढ़ रही है. देश में बढ़ती महंगाई के चलते आम आदमी को अपना जीवन बसर करना मुश्किल हो गया है. जनता की मूलभूत समस्याओं की सुनवाई करने वाला कोई नहीं बचा है. अंग्रेजी हुकूमत की तर्ज पर आम आदमी को प्रचंड बहुमत से मिली सत्ता की निरंतर सजा दी जा रही है.

वहीं, कांगड़ा में अपने मन की बात मुख्यमंत्री से कहने आए छात्रों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं. देश हो या प्रदेश अनिश्चितता एवं असुरक्षा का माहौल समाज को निरंतर आतंकित किए हुए है. लोकतंत्र में सरकार जो सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मानी जाती है. वहीं सरकार, सिस्टम व जनता के द्वारा दिया गया प्रचंड जनादेश देश में आम नागरिक के मानसिक तनाव का सबसे बड़ा कारण बनकर रह गया है. बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और नौजवान हर आदमी इस सरकारी तनाव का शिकार बनकर रह गया है. बुरी तरह फ्लॉप देश की अर्थव्यवस्था में आम आदमी को खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं.

कांग्रेस विधायक ने कहा कि देश में औद्योगिक उत्पादन निरंतर गिर रहा है. प्रदेश में मची लूट के कारण कोई भी बड़ा औद्योगिक घराना हिमाचल की तरफ मुंह करने से कतरा रहा है. खुदरा मंहगाई की दर मोदी राज के 6 सालों में आसमान छू रही है. एनएसओ के आंकड़े गवाह है कि खुदरा मंहगाई दर 7.59 फीसदी पर जा पहुंची है जो कि विगत 6 सालों में सबसे ऊंची दर है. लगातार पिछले 6 महीनों से खुदरा मंहगाई दर बढ़ रही है लेकिन सरकार बेखबर बनी हुई है.

राजेंद्र राणा ने कहा कि जो लोग मोदी मोह में आकर रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ बैठे थे, अब उन पर 150 रुपये प्रति सिलेंडर को और बोझा लादा गया है. पिछले 3 सालों में बिना सब्सिडी वाला घरेलू रसोई गैस सिलेंडर को 145 रुपये बढ़ाकर पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़े गए हैं. ऐसे में आम आदमी जाए तो जाए कहां. अपनी पीड़ा सुनाए तो सुनाए किसे. देश मंहगाई से त्रस्त है लेकिन सरकार चलाने वाले सत्ता मद में मस्त हैं.

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