हमीरपुरः लंबे समय तक मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में प्रत्याशी उतार तो दिया है, लेकिन अभी तक प्रचार गति नहीं पकड़ सका है. प्रत्याशी रामलाल ठाकुर ऊना में रोड़-शो और बड़सर विधानसभा क्षेत्र से प्रचार करते हुए गृह जिले बिलासपुर में पहुंच गए हैं. बिलासपुर में भी सोमवार को जनसभाओं का दौर जारी रहा, लेकिन अब प्रचार की रणनीति का रोड़ मैप 14 अप्रैल को हमीरपुर में होने वाले संसदीय क्षेत्र के जनरल हाउस में तय होगा.
इस दिन कांग्रेस की एकजुटता के दावे की होगी कड़ी परीक्षा, चुनावी प्रचार का रोड मैप भी होगा तैयार - congress genral house
भाजपा के किले हमीरपुर में कांग्रेस हाईकमान के मास्टर स्ट्रोक रामलाल ठाकुर के एकजुटता के दावे की 14 अप्रेल को परीक्षा होगी. जनरल हाउस में संसदीय क्षेत्र के दिग्गज नेताओं की उपस्थिति जाहिर कर देगी कि आखिरकार इतने लंबे समय तक मंथन करने के बाद रामलाल ठाकुर को हमीरपुर का सेनापति बनाने का कांग्रेस हाईकमान का दाव कितना खरा उतरा है.
14 अप्रैल को कांग्रेस की एकजुटता के दावे की कड़ी परीक्षा होगी. जनरल हाउस में नेताओं की उपस्थिति से यह भी जगजाहिर हो जाएगा कि कांग्रेस हाईकमान ने किस हद तक गुटबाजी को थामने के लिए प्रयास किए हैं. कांग्रेस हाईकमान के रामलाल ठाकुर को प्रत्याशी बनाने के मास्टर स्ट्रोक की जरनल हाउस में परख होगी.
बता दें कि कांग्रेस हाईकमान ने हमीरपुर टिकट को तय करने के लिए लंबा समय लिया था और अंतिम पैनल में कई बड़े दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. जिससे कांग्रेस हाईकमान की टेंशन बढ़ गई. बाद में जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चुनाव लड़ने के लिए हामी भरी तो उन पर भी प्रदेश के दिग्गजों ने सहमति नहीं जताई और अंत में रामलाल ठाकुर पर ही सहमति बनी. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और दिग्गज नेता राजेंद्र राणा को एक साथ लेकर चलना रामलाल ठाकुर के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. टिकट मिलने के बाद रामलाल ठाकुर दावा कर चुके हैं कि वह सभी छोटे-बड़े नेताओं को साथ लेकर चलेंगे, लेकिन उनके दावे की परख 14 अप्रैल को हो जाएगी.