चैत्र मास मेला: बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व, भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र कार्तिकेय का माने जाते हैं अवतार - भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय के अवतार
चैत्र मास मेलों के चलते बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. इन मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व रहता है. मंदिर में एक महीने तक ये मेले चलते हैं.
बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास मेला
हमीरपुर: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में इन दिनों चैत्र मास मेले लगे हैं. हर दिन बाबा के दरबार में लाखों श्रद्धालुओं दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. इन मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व रहता है.
बाबा बालक नाथ को भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय का अवतार माना गया है. जहां एक और भगवान शिव को सावन महीना प्रिय है. वहीं, भगवान कार्तिकेय को चैत्र माह बेहद प्रिय है. यही कारण है कि चैत्र मास में उत्तरी भारत के सिद्ध पीठ में 1 महीने तक मेले चलते हैं और लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को दरबार में हाजिरी भरते हैं.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील दत्त ने कहा कि चैत्र मास बाबा बालक नाथ को उसी तरह से प्रिय है जिस तरह से भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है. यही कारण है कि चैत्र मास मेलो में लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को मंदिर में पहुंचते हैं.
पुजारी सुनील दत्त ने कहा कि बाबा बालक नाथ के प्रति श्रद्धालुओं की प्रगाढ़ आस्था सदियों से बनी हुई है और सदियों से इन मेलों का भी आयोजन किया जा रहा है. शाहतलाई से ही दंडवत प्रणाम करते हुए श्रद्धालु बाबा जी की गुफा तक पहुंचते हैं. मान्यता पूरी होने पर कई लोग इसी तरह से दंडवत होकर सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर बाबा बालक नाथ के दरबार में हर दिन पहुंचते हैं. हर साल दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और चढ़ाव की राशि में बढ़ोतरी हो रही है.