हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. यहां से भाजपा ने माया शर्मा को टिकट दिया है. कांग्रेस ने सिटिंग विधायक इंद्रदत्त लखनपाल पर एक बार फिर भरोसा जताया है. वहीं, क्षेत्र से भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. जिससे चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार बड़सर विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार 71.17 प्रतिशत मतदान रहा. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. (Barsar assembly seat) (Himachal Pradesh elections result 2022) (Voting in Barsar assembly Seat)
कौन है भाजपा प्रत्याशी माया शर्मा-भाजपा ने बड़सर से माया शर्मा को टिकट दिया है. माया शर्मा पूर्व विधायक भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा की पत्नी हैं. माया शर्मा 53 वर्ष की हैं. इनके पास 23 लाख 55 हजार 839 अचल संपत्ति है. वहीं, 4 करोड़ 31 लाख 98 हजार 970 की चल संपत्ति है. माया शर्मा ने दसवीं पास हैं.
कौन है कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल-कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है. इंद्रदत्त लखनपाल 60 वर्ष के हैं. इन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से बीए की है. इंद्रदत्त लखनपाल के पास 3147969 अचल संपत्ति है और 6.8 करोड़ चल संपत्ति है.
कौन है आजाद उम्मीदवार संजीव शर्मा-भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर भाजपा और कांग्रेस को आजाद प्रत्याशी संजीव शर्मा चुनौती दे रहे हैं जो भाजपा की टिकट की दौड़ में अंतिम पलों तक बने रहे थे. कुछ महीनों पहले ही संजीव शर्मा के छोटे भाई हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन राकेश शर्मा बबली का निधन हुआ था. संजीव शर्मा 52 साल के हैं. वे 12वीं पास हैं. इनके पास 4 लाख 25 हजार चल और छत्तीस लाख अचल संपत्ति है.
7 उम्मीदवार मैदान में, 71.17 प्रतिशत रहा मतदान-
बड़सर से प्रत्याशी | पार्टी |
इंद्रदत्त लखनपाल | कांग्रेस |
माया शर्मा | भाजपा |
रतन चंद कटोच | बसपा |
गुलशन सोनी | आम आदमी पार्टी |
नरेश कुमार | राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी |
परमजीत ढटवालिया | हिमाचल जनक्रांति पार्टी |
संजीव कुमार | निर्दलीय |
ये थे बड़सर से जनता के मुद्दे-बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भी बस स्टैंड और अस्पताल का मुख्य मुद्दा है. यहां पर पेयजल की समस्या से भी लोग परेशान हो रहे हैं. सरकार हर घर नल लगाने का दावा तो करती है, लेकिन यहां पर पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. सड़कों की सुविधा भी यहां पर बेहतर नहीं है. जिस वजह से लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है. कुल मिलाकर यहां पर मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
स्मृति ईरानी और योगी आदित्यनाथ ने किया प्रचार-यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़सर विधानसभा क्षेत्र के बुम्वलू में भाजपा के स्टार प्रचार्क के रूप में आए थे और रैली की थी. इसी के साथ जनसभा को संबोधित भी किया था. वहीं, स्मृति ईरानी भी बड़सर में रैली कर चुकी हैं.
बड़सर की सियासत में इस बार प्रचार पार्टी ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि चुनावी नतीजों को सहानुभूति का पॉलिटिकल फैक्टर भी प्रभावित करेगा. यहां पर जिला भर में सबसे अधिक पोलिंग का रिकॉर्ड बनाने वाला बूथ भी टप्पा धटवाल एरिया से आता है. यहां पर बलह धटवलिया बूथ पर 86.67% मतदाताओं ने मतदान किया. इस क्षेत्र से भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यह महज एक बूथ की बात नहीं है बल्कि इस क्षेत्र के कई बूथ पर इस बार बड़सर में मतदान के रिकॉर्ड टूटे हैं. ऐसे में यहां पर टप्पा धटवाल के लोगों की राजनीतिक इच्छाशक्ति क्या नतीजे लाती है यह देखना रोचक होगा.
बगावत राजनीतिक दलों के लिए बनी है हार का सबब-बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुख्य राजनीतिक दलों में बगावत हार ही लेकर आई है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो राजनीतिक दलों के बागियों ने खुद चाहे जीत हासिल नहीं की हो लेकिन अपने दल को जरूर हरा दिया है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों में बगावत के कारण कांग्रेस दो बार और भाजपा को एक बार मुंह की खानी पड़ी है. इस बार भी बड़सर विधानसभा क्षेत्र में समीकरण कुछ ऐसे ही बनते नजर आ रहे हैं. इस बार बगावत भाजपा के लिए है तो वहीं इस बगावत का सामना एक दशक पहले कांग्रेस को करना पड़ा था.
कांग्रेस ने यहां पर बगावत कुछ हद तक थम गई है, लेकिन भाजपा के बागी यहां पर पार्टी प्रत्याशी के लिए बड़े परेशानी बने हुए हैं. कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है और भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा की पत्नी माया शर्मा चुनावी रण में है. भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली इस सीट से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार के सदस्यों को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा जोरों पर चल रही थी.टिकट की दौड़ में प्रत्याशी माया शर्मा और दिवंगत राकेश शर्मा बबली का परिवार था लेकिन अंततः भाजपा ने परोक्ष रूप से बलदेव शर्मा को ही लगातार छठी बार यहां पर पार्टी का टिकट थमाया है। बलदेव शर्मा लगातार साल 1998 से 2017 तक पार्टी के प्रत्याशी रहे और तीन दफा जीते और दो दफा हारे. साल 2022 में अब बलदेव शर्मा की जगह उनकी पत्नी को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है.
साल विधानसभा कुल मत पोल प्रतिशत-
2007 बड़सर (नदौन्ता) 75166, 47646, 63.39%
2012 बड़सर 75582, 51174, 67.71%
2017 बड़सर 80717, 57320, 69.06%
2022 बड़सर 85521, 60865, 71.17%