हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के महान स्वतंत्रता सेनानी यशपाल की जड़ें हमीरपुर से जुड़ी हैं. देश की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी, भगत सिंह और चंद्रशेखर के साथी रहे महान क्रांतिकारी एवं लेखक यशपाल के पैतृक घर जिला हमीरपुर में है.
पंजाब के फिरोजपुर में 3 दिसंबर 1930 को जन्मे लेखक एवं क्रांतिकारी यशपाल के पूर्वज हमीरपुर जिला के भूंपल गांव के वासी थे. उनके दादा गरडू राम विभिन्न स्थानों पर व्यापार करते और भोरंज तहसील में टिक्कर भरियां व खर्वारियां के खेतिहर और निवासी थे, जबकि पिता हीरालाल दुकानदार और तहसील के हरकारे थे.
वे जिला महासू के अंतर्गत रियासत अर्की के चांदपुर ग्राम से हमीरपुर में शिफ्ट हुए थे. पिछले साल ही धर्मशाला में उनके बेटे की उपस्थिति में जीवन गाथा की डॉक्यूमेंट्री लांच की गई थी. वर्ष 1929 में यशपाल ने ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड इरविन की रेलगाड़ी के नीचे बम विस्फोट किया था.
स्वतंत्रता सेनानी यशपाल को जब आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, तब वे महज 28 वर्ष के थे. वर्ष 1937 में यशपाल को जेल से मुक्त तो कर दिया गया, लेकिन उनके पंजाब प्रांत जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. लखनऊ जेल से रिहाई के बाद यशपाल ने संयुक्त प्रांत की राजधानी लखनऊ में ही बस जाने का फैसला ले लिया था.