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नगर परिषद हमीरपुर में हार कर भी जीत गई भाजपा! समर्थित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हारे - City Council Hamirpur BJP seats

नगर परिषद हमीरपुर के चुनावी आंकड़ों में तो भाजपा हार गई, लेकिन नगर परिषद हमीरपुर की सियासत में इसे रणनीतिक जीत माना जा रहा है. पूर्व पार्षद अनिल सोनी का कहना है कि यह भाजपा की रणनीतिक जीत है. नगर परिषद हमीरपुर में कुछ चेहरे भ्रष्टाचार के पर्यायवाची बन गए थे, लेकिन अब बदलाव हुआ है.

City Council Hamirpur
अनिल सोनी हमीरपुर

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Published : Jan 11, 2021, 4:28 PM IST

हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर में हार कर भी भाजपा जीत गई. आंकड़ों में तो भाजपा हार गई लेकिन नगर परिषद हमीरपुर की सियासत में इसे रणनीतिक जीत माना जा रहा है. सियासी तौर पर भाजपा की नगर निकाय चुनावों में शहर की राजनीति की सबसे बड़ी जीत कही जा रही है.

भाजपा समर्थित हमीरपुर के निवर्तमान उपाध्यक्ष बजाज और अध्यक्ष सलोचना देवी को करारी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इन दोनों वार्ड से भाजपा के बागी संदीप भारद्वाज और डॉ. सुशील शर्मा ने भारी मतों से जीत हासिल की. वार्ड नंबर चार में एक तरफ जहां भाजपा के कार्यकर्ताओं का संदीप भारद्वाज के साथ मिला.

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वहीं, इस वार्ड से नामांकन वापस लेने वाले पूर्व पार्षद अनिल सोनी ने भी खुलेआम संदीप भारद्वाज को अपना समर्थन दिया था. अनिल सोनी ने चुनाव तो नहीं लड़ा, लेकिन किंग मेकर की भूमिका में वह बखूबी नजर आए.

अनिल सोनी ने बताई भाजपा की रणनीतिक जीत

नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर तीन से पूर्व पार्षद अनिल सोनी का कहना है कि यह भाजपा की रणनीतिक जीत है. नगर परिषद हमीरपुर में कुछ चेहरे भ्रष्टाचार के पर्यायवाची बन गए थे, लेकिन अब बदलाव हुआ है. उन्हें विश्वास है कि आप चुनकर आए प्रतिनिधि लोगों को निराश नहीं करेंगे.

1986 से दीप बजाज लगातार जीत रहे थे चुनाव

आपको बता दें कि हमीरपुर के वार्ड नंबर चार को हॉट सीट माना जा रहा था. इस वार्ड से भाजपा के नॉमिनेटिड पार्षद संदीप भारद्वाज की जीत नगर परिषद हमीरपुर में दशकों बाद हुआ बदलाव माना जा रहा है क्योंकि वर्ष 1986 से दीप बजाज लगातार नगर परिषद में चुनकर आ रहे थे, उन्हें पहली दफा हार का सामना करना पड़ा.

2015 के चुनावों में भाजपा ने नहीं दिया था समर्थन

वर्ष 2015 के चुनावों में जब उन्हें भाजपा ने अपना समर्थन नहीं दिया था, तो वह आजाद उम्मीदवार के रूप में जीतकर नगर परिषद के उपाध्यक्ष बन गए, लेकिन इस बार जब भाजपा ने उन्हें समर्थित प्रत्याशी घोषित किया तो भाजपा के नामित पार्षद ने ही उन्हें पटखनी दे दी. बरहाल जो भी हो, लेकिन नगर परिषद हमीरपुर की सियासत में दशकों बाद बड़ा बदलाव हुआ है. हमीरपुर जिला के सबसे बड़े शहर में अब सियासत के नए युग की शुरुआत हो गयी है.

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