हमीरपुर:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तकनीकी विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मिनी सचिवालय हमीरपुर के गेट के बाहर धरना (ABVP protest in Hamirpur)प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के माध्यम से लंबित मांगों को जल्द पूरा किए जाने की मांग प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से की गई. गौरतलब है कि तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में एबीवीपी कार्यकर्ताओं की विश्वविद्यालय परिसर में पिछले 27 दिनों से (ABVP strike continues in HPTU )क्रमिक भूख हड़ताल लगातार जारी है. आंदोलन की इस कड़ी में ही मंगलवार को मिनी सचिवालय एवं एसडीएम कार्यालय हमीरपुर के बाहर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. बता दें कि 4 वर्षों से तकनीकी विश्वविद्यालय के विभिन्न मांगो को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आंदोलनरत हैं.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के व्यावसायिक शिक्षा के जिला संयोजक निखिल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति ,शिक्षक तथा गैर शिक्षक पदों पर नियमित भर्ती, यूजीसी 12बी अधिनियम में शीघ्र लाया लाए, छात्रों से वसूली जाने वाली भरी भरकम फीस को जल्द कम किया जाए, तकनीकी विश्वविद्यालय को प्रतिवर्ष कम से कम 50 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाने तथा विश्वविद्यालय की मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया गया.
हमीरपुर में एबीवीपी का प्रदर्शन, जानें क्या दी चेतावनी - Mini Secretariat Hamirpur
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तकनीकी विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मिनी सचिवालय हमीरपुर के गेट के बाहर धरना (ABVP protest in Hamirpur)प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के माध्यम से लंबित मांगों को जल्द पूरा किए जाने की मांग प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से की गई. गौरतलब है कि तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में एबीवीपी कार्यकर्ताओं की विश्वविद्यालय परिसर में पिछले 27 दिनों से (ABVP strike continues in HPTU )क्रमिक भूख हड़ताल लगातार जारी है.
उन्होंने कहा कि पिछले 27 दिनों से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हुए प्रदेश सरकार तकनीकी विश्वविद्यालय को लेकर कुंभकरण की नींद सोई हुई और सरकार की चुप्पी तकनीक शिक्षा के प्रति गंभीरता को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद की तरफ से अब यह चेतावनी दी गई की जब तक प्रदेश के एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रति कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता तब तक विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सरकार के नुमाइंदों को महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में घुसने नहीं देंगे.
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