हमीरपुरः लॉकडाउन के दौरान नादौन उपमंडल का एक व्यक्ति पत्नी समेत बाहरी राज्य से गलत जानकारी देकर घर पहुंच गया. जैसे ही जिला प्रशासन को इस बात का पता चला तो, प्रशासनिक अधिकारी उसके घर पहुंच गए. जांच के दौरान वह व्यक्ति हिमाचल से बाहर जाने की वजह से जुड़ी सही जानकारी नहीं दे पाया.
बता दें कि व्यक्ति अप्रैल माहीने में पत्नी सहित बाहरी राज्य से लौटा था. अपनी पत्नी को लाने के लिए व्यक्ति गाड़ी के जरिए से नादौन से ही गया था. इसके लिए व्यक्ति ने चार दिन के लिए डीसी ऑफिस हमीरपुर से स्वीकृति ली थी.
स्वीकृति लेने के दौरान व्यक्ति ने प्रशासन को बताया था कि उसकी पत्नी गर्भवती है, इसलिए वह उसे बाहरी राज्य से अपने घर हमीरपुर लाना चाहता है. जब व्यक्ति घर पर पहुंचा तो पंचायत में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी उसके घर जांच के लिए पहुंच गए.
जांच अधिकारियों ने अन्य जानकारी सहित यह भी पूछा कि यदि उसकी पत्नी गर्भवती है, तो उसका हेल्थ कार्ड बनवाना नियमानुसार आवश्यक है, लेकिन युवक आनाकानी करने लगा. अधिकारियों को संदेह हुआ और बाद पता चला कि उसने घर आने के लिए गलत जानकारी दी थी.
प्रशासन के नियमानुसार किसी भी गर्भवती महिला का पंजीकरण क्षेत्र की आशा वर्कर और हेल्थ वर्कर की ओर से आवश्यक तौर पर करवाया जाता है. इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जाती है.
वहीं, युवक ने सोशल मीडिया पर उसे और उसकी पत्नी को घर तक पहुंचाने के लिए एक बड़े नेता का आभार जताया था, उसके बाद ही यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना. हालांकि इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. एक अधिकारी ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है.
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