हमीरपुर: करीब डेढ़ महीने में ही हमीरपुर जिला में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 100 के पार हो गया है. अभी तक जिला में कुल 101 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि अधिकतर कोरोना पॉजिटिव लोग बाहरी राज्यों से हमीरपुर में पहुंचे थे, लेकिन संक्रमण सिर्फ बाहरी राज्यों से आए लोगों ही नहीं बल्कि अव्यवस्था के कारण भी जिला में अधिक फैला है.
जिला में प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो जिला में वर्तमान समय में कोरोना के 87 एक्टिव केस हैं, जबकि 13 लोगों का सफल उपचार हो चुका है. वहीं, एक व्यक्ति की मौत हो गई है. हमीरपुर जिला में यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगा कि जिला हमीरपुर प्रदेश का वुहान बनता जा रहा है. यहां पर संक्रमण के अलावा व्यवस्थागत कमियों के कारण लोगों को अब बड़ा खतरा पैदा हो गया है. हमीरपुर जिला कोरोना पॉजिटिव मामलों की दृष्टि से प्रदेश भर में सबसे आगे है.
- सबसे पहले सामने आए दोनों कोरोना पॉजिटिव केस अभी तक बने हैं उलझन
17 अप्रैल को जिला में कोरोना पॉजिटिव के दो मामले एक साथ सामने आए थे. इन दोनों लोगों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. जिस वजह से यह दोनों केस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए उलझन साबित हुए. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इन दोनों लोग कहां संक्रमित हुए. इसमें एक महिला और एक निजी स्कूल का अध्यापक शामिल था, जबकि इन दोनों लोगों के प्राइमरी और द्वितीय के संपर्क में आए सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.
- मई महीने में जिला में कोरोना ने पकड़ी तेज रफ्तार
जिला हमीरपुर में अप्रैल महीने में दो केस सामने आने के बाद सिलसिला थम गया था. मई महीने की शुरुआत से ही जिला में कोरोना ने तेजी पकड़ ली. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मुंबई से लौटे 60 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हमीरपुर जिला में पाए गए हैं. मई महीने में रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक ही दिन में 31 केस सामने आए और एक्टिव केस का आंकड़ा जिला में 50 के पार हो गया था. इसके बाद 2 दिन लगातार 15-15 केस सामने आए. जिससे हमीरपुर जिला कोरोना पॉजिटिव के मामले में कांगड़ा से आगे निकल गया.
- डूंगरी नवोदय क्वॉरेंटाइन सेंटर चर्चाओं में आया, यहां हुई थी बड़ी चूक
जिला प्रशासन की चूक के कारण भोरंज विधानसभा क्षेत्र के डूंगरी नवोदय क्वॉरेंटाइन सेंटर से 43 लोगों को नेगेटिव बता कर घर भेज दिया गया था. इनमें से 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी. जिस वजह से अब प्रशासन को जवाब देना मुश्किल हो गया है, सरकार ने इस पर जांच बैठा दी है.