हमीरपुर:कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर भंग किए जाने से 7000 के लगभग पदों के लिए 150 पोस्ट कोड की भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गई है. हिमाचल में सरकारी नौकरी पर एक तरह से पिछले दो माह से विराम लग चुका है. पेपर लीक कांड के बाद प्रदेश सरकार ने पहले आयोग की फंक्शनिंग को लगभग 2 माह तक सस्पेंड रखा और आखिरकार भंग कर दिया. हिमाचल में सरकारी नौकरी की भर्ती के लिए सबसे बड़ी एजेंसी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर था.
फिलहाल हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों के संचालन का जिम्मा दिया गया है. लेकिन यह कार्य कब शुरू होगा इसको लेकर अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. लोक सेवा आयोग भी सरकार के विस्तृत अधिसूचना का इंतजार कर रहा है. कर्मचारी चयन आयोग से जुड़े सैकड़ों भर्ती मामले अदालत में विचाराधीन है. इन विवादों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के विभिन्न पोस्ट कोड शामिल हैं. ऐसे में अब अदालत में इन मामलों की सुनवाई के लिए कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से पैरवी कैसे और कितनी तीव्र गति से संभव हो पाएगी यह भी बड़ा सवाल है.
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पोस्टकोड 965 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का पेपर 23 दिसंबर को पिछले साल परीक्षा से 2 दिन पूर्व ही लीक हो गया था. मामले का भंडाफोड़ होने के ढाई महीने बाद अब तक आयोग के जरिए आयोजित होने वाली हर भर्ती पर विराम लगा है. ईटीवी भारत इस रिपोर्ट के जरिए आपको बताएगा कि कर्मचारी चयन आयोग में हजारों पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया कहां तक पहुंची थी और अब इसके आयोजन में और कितना वक्त लगने की उम्मीद है.
5000 पदों के लिए विजिलेंस जांच के बाद ही स्थिति होगी स्पष्ट-आयोग को भंग किए जाने से पहले जारी भर्ती प्रक्रिया को तीन श्रेणियों में समझा जा सकता है. 50 के लगभग पोस्ट कोड ऐसे थे जिनके अंतर्गत 5000 पदों के लिए लिखित परीक्षा दस्तावेज मूल्यांकन या फिर फाइनल रिजल्ट आने का ही इंतजार किया जा रहा था. यह सभी परीक्षाएं पेपर लीक प्रकरण की वजह से अब विजिलेंस के जांच के दायरे में हैं.