हमीरपुर:सजग समाज और सतर्क पुलिस का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है. एक अनजान महिला और कड़ी धूप में ट्रैफिक सेवाएं दे रहा कांस्टेबल अनूप कुमार के निस्वार्थ और ईमानदार प्रयासों से परिजनों से बिछड़ा 3 साल का मासूम अंशुल घर पहुंचा. दरअसल बस स्टैंड हमीरपुर के साथ लगते वर्षा शालिका में 3 साल का मासूम अंशुल अकेला बैठकर रो रहा था यहां पर मौजूद एक महिला ने बच्चे से रोने की वजह पूछे और उसका नाम पता जानने का प्रयास किया. बच्चा सहमा हुआ था और कुछ भी नहीं बोल पा रहा था.
महिला ने आसपास पता किया, लेकिन बच्चे के परिजन नहीं मिले. इस महिला ने तुरंत बस स्टैंड हमीरपुर में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अनूप कुमार को सूचित किया. पुलिस कांस्टेबल को लेकर महिला वर्षा तालिका में पहुंची और बच्चे का नाम पता जानने का प्रयास किया. बच्चा इतना सहमा हुआ था कि वह लगातार रो रहा था. पुलिस कर्मचारी बच्चे को गोदी में उठाकर कंट्रोल रूम में ले गया और यहां पर उसे शांत करने का प्रयास किया बच्चा कुछ खा पी भी नहीं रहा था ऐसे में उसका नाम पता जानना मुश्किल हो रहा था.
कुछ ही देर में मीडिया कर्मी मौके पर पहुंच गए और बच्चे के फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. खबर फैलते ही यह वीडियो और फोटो परिजनों के रिश्तेदारों तक पहुंच गए. अंशुल के वीडियो को सोशल मीडिया पर देखकर रिश्तेदारों ने माता-पिता को सूचित किया. अंशुल के नानी जिला मुख्यालय में ही नौकरी करती है नानी को जब सूचना मिली तो वहां तुरंत बस स्टैंड में पहुंचे और यहां पर पुलिस जवानों ने बच्चे को नानी के हवाले किया.