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भरमौर में दिखी गद्दी संस्कृति की झलक, पांच दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस का आगाज

पांच दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस का आगाज मंगलवार से हो (Tribal pride day begins in Bharmour) गया है. इस दौरान स्थानीय लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित होकर मिनी सचिवालय भरमौर से प्रसिद्ध चौरासी मंदिर परिसर तक पदयात्रा भी निकाली. इस आयोजन के शुभारंभ के बहाने गद्दी समुदाय की कला और संस्कृति की झलक भी देखने को मिली. पढ़ें पूरी खबर...

Tribal pride day begins in Bharmour
Tribal pride day begins in Bharmour

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Published : Nov 15, 2022, 6:20 PM IST

भरमौर:पांच दिनों तक भरमौर उपमंडल में चलने वाले जनजातीय गौरव दिवस समारोह का मंगलवार को आगाज हो (Tribal pride day begins in Bharmour) गया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित होकर मिनी सचिवालय भरमौर से प्रसिद्ध चौरासी मंदिर परिसर तक पदयात्रा भी निकाली. एसडीएम भरमौर आसीम सूद की अगुवाई में यह पदयात्रा निकली गई. जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वंय सहायता समूहों के सदस्य सहित आशा वर्करों ने भी अपनी सहभागिता दर्ज करवाई.

इस आयोजन के शुभारंभ के बहाने गद्दी समुदाय की कला और संस्कृति की झलक भी देखने को मिली. एसडीएम असीम सूद ने कहा कि इस तरह के आयोजन सांस्कृतिक परम्पराओं और सामाजिक सौहार्द के संवर्धन में अहम भूमिका निभाते हैं. यह हम सबका दायित्व है कि हम इन परम्पराओं के संवर्धन में अपना यथासंभव सहयोग दें. उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता की चकाचौंध में अपनी अनमोल सांस्कृतिक विरासत एवं सामाजिक आदर्शों को भूल रही हैं. ऐसे में हम सब को प्रहरी बन कर सांस्कृतिक परम्पराओं को संजोए रखना है.

पांच दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस का आगाज.

उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय गौरव दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को उजागर करना है. इसके साथ जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को उनके अधिकार के प्रति जागरुक भी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि समारोह के तहत 19 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके अंतर्गत सभी पंचायतों को समारोह का हिस्सा बनाया जाएगा. इस दौरान स्थानीय महिलाओं द्वारा ऐतिहासिक चौरासी मंदिर परिसर में पारंपरिक परिधानों से सुसज्जित होकर स्थानीय लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. इसके साथ पंचायत स्तर पर पदयात्रा का आयोजन भी किया गया.

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