चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला का सिकरी धार सीमेंट प्लांट पिछले 40 सालों से राजनीति का शिकार होता हुआ आ रहा है. जिले के लोग खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं. सिकरी धार सीमेंट प्लांट का सपना पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चंबा जिले के लोगों को 1979 में दिखाया था. जब भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते तो हर बार प्रमुखता के साथ भाजपा और शांता कुमार इसे जोर-शोर से उठाते और जब चुनाव खत्म होते ही यह मुद्दा भी खत्म हो जाता है.
हालांकि, उसके बाद प्रदेश में धूमल की सरकार रही, तब भी यह मुद्दा गर्मजोशी के साथ उठता रहा है, लेकिन इस पर काम करना किसी ने मुनासिब नहीं समझा. इस पर प्रयास करना तो दूर किसी ने इसकी तरफ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की नहीं सोची. जिले के लोगों की भावनाओं के साथ हमेशा सियासी पार्टियां खेलती रही हैं. सीएम जयराम ठाकुर विधानसभा चुनाव से पहले इस प्लांट को शुरू कराने का वादा किया था. प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने 4 साल पूरे होने को आए हैं, लेकिन चंबा की जनता से किये गए वादों पर खरे नहीं उतरे.
चंबा जिला की आबादी करीब छह लाख है. हर बार यहां के युवाओं को सपना दिखाया जाता है. सरकार बनने के बाद चंबा जिला के सिकरी धार में सीमेंट प्लांट लगाया जाएगा, ताकि यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके. बड़ी हैरानी की बात है कि इस छोटे अति पिछड़े जिले की ओर किसी भी सरकार का ध्यान नहीं गया. मजबूरन यहां के युवाओं को रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों का रुख करना पड़ता है.
चंबा जिले के युवाओं को इस बात की उम्मीद थी कि उन्हें अपने घर-द्वार पर ही रोजगार मिलेगा और जिले में एक बहुत बड़ा सीमेंट प्लांट लगेगा, लेकिन हर बार युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया. अब युवा सीमेंट प्लांट का नाम सुनना भी पसंद नहीं करते हैं. हैरानी इस बात को लेकर होती है कि अगर इतने बड़े सीमेंट प्लांट का निर्माण नहीं होना था तो आखिर 40 सालों से चंबा जिले की जनता को सपने क्यों दिखाए जाते रहे हैं. इस मुद्दे को भाजपा की सरकारों ने प्रमुखता के साथ हमेशा उठाया है. परंतु उस पर आगे कार्य करना शायद वह भूल गए. जिस वजह से आज भी चंबा जिले में सिकरीधार सीमेंट प्लांट सपना बनकर रह गया है.