हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

शिक्षक राजकुमार का सिर्फ एक ख्वाब, ओलंपिक और कॉमनवेल्थ खेलों में नाम रोशन करें उनके बच्चे - STATE LEVEL CHAMPIONSHIP

बच्चों को नशे से दूर रखने और खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए चंबा जिले के शिक्षक राजकुमार करीब 26 सालों से प्रयास कर रहे हैं. उनकी मेहनत का नतीजा है कि जिले के करीब 100 बच्चे राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं और कई खिलाड़ी नेशनल भी खेल चुके हैं. शिक्षक राजकुमार का बस एक ही ख्वाब है कि उनके बच्चे भी ओलंपिक और कॉमनवेल्थ खेलों में भी हिस्सा लें और देश प्रदेश में चंबा का नाम रोशन करें.

story-on-rajkumar-who-trained-more-than-100-players-for-state-level-championship
फोटो.

By

Published : Sep 3, 2021, 7:04 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 7:40 PM IST

चंबा: कहते हैं दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो मंजिल खुद-ब-खुद मिल जाया करती है. इसे सच कर दिखाया है राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पुखरी के डीपीई राजकुमार ने. पिछले 26 सालों से राजकुमार शिक्षा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं और स्कूल स्तर से खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को तराशने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं.

नशे से दूर रहने के लिए भी अध्यापक हमेशा लोगों को प्रेरित करते रहते हैं. डीपीई राजकुमार बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. स्कूलों में बच्चों के लिए कबड्डी खो-खो, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, एथलेटिक्स का आयोजन राजकुमार के प्रयासों से किया जाता है. इनके द्वारा ट्रेनिंग पाए तकरीबन 100 बच्चे राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं.

वीडियो.

सबसे बड़ी बात ये है कि राज कुमार ने तीन ऐसे होनहार खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर तक स्कूल के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास किया है. इनके नेतृत्व कुशल और खेलों के प्रति समर्पित सोच का ही नतीजा है कि 26 सालों के अपने कार्यकाल में इतने बच्चों को तैयार किया है. राजकुमार का सपना है कि उनके द्वारा तैयार किए गए खिलाड़ी ओलंपिक और कॉमनवेल्थ खेलों में देश-प्रदेश सहित चंबा जिला का नाम रोशन करें.

हालांकि, आजकल राजकुमार डीपीई पुखरी स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं. यहां भी वर्ष 2019 से चार बच्चे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं. पिछले करीब डेढ़ साल से कोरोना वायरस की वजह से स्कूली टूर्नामेंट नहीं हो सके अन्यथा और भी बच्चे राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर जा सकते थे.

ये भी पढ़ें:साल 1888 में अंग्रेजों ने कराया था हमीरपुर तहसील भवन का निर्माण, प्राचीन महत्व के साथ आकर्षण का केंद्र भी है यह इमारत

दूसरी ओर स्कूल के प्रिंसिपल अजय चौहान का कहना है कि डीपीई राजकुमार खेलों के प्रति बच्चों को प्रोत्साहित करते रहते हैं और हमें खुशी है कि इनके सिखाए बच्चे काफी दूर-दूर तक खेलों में हैं. हमारे स्कूल में राजुकमार को तीन साल हुए हैं, लेकिन पहले साल ही इनकी कड़ी मेहनत की वजह से स्कूल के चार बच्चों ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया.

डीपीई राजकुमार बताते हैं कि वे पिछले 26 सालों से शिक्षा विभाग में बतौर डीपीई कार्य कर रहे हैं. उनका मुख्य मकसद बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए खेलों के प्रति जागरूक करना है. अभी तक सौ से अधिक बच्चों को स्कूल से राज्य स्तर तक भिजवाया है, उसके अलावा उनके सिखाये हुए तीन बच्चे नेशनल भी खेल चुके हैं.

राजकुमार कहते हैं कि उनका सिर्फ एक ही ख्वाब है कि उनके सिखाए हुए बच्चे देश के अलग-अलग खेलों में कुछ कर दिखाएं. ताकि प्रदेश के साथ-साथ देश में जनजातीय जिले का नाम रोशन हो सके. उन्हें उम्मीद है कि कोरोना महामारी के बाद जिंदगी दोबारा पटरी पर लौटेगी, स्कूल खुलेंगे और बच्चे फिर खेल मैदानों में खेलते हुए नजर आएंगे.

ये भी पढ़ें:हिमाचल प्रदेश: जल्द ही UNESCO की विश्व धरोहर लिस्ट में जुड़ेगी कुल्लू घाटी

Last Updated : Sep 3, 2021, 7:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details