चंबा: 'हमको महफूज रखते हैं जो अफसोस वो खुद महफूज नहीं.' बॉर्डर पर बनी पुलिस चौकी संघणी की बदतर हालत पर बात की जाए तो यह पंक्तियां इस बात की तस्दीक करती है. भवन की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि खिड़कियों में शीशे टूटने के बाद गत्तों को लगाया गया है. वहीं, शौचालय की दीवारों की हालत जर्जर है, लेकिन इसी दफ्तर और मैस चलाना मजबूरी है.
धनराशि मंजूर,लेकिन जगह कम
पुलिस चौकी संघणी के भवन निर्माण के लिए धनराशि मंजूर है, लेकिन विभाग दयनीय हालत में पड़े भवन की सुध नहीं ले रहा .पुलिस चौकी संघणी के भवन को नए सिरे से निर्माण करने के लिए सरकार ने संबधित विभाग को करीब 1 लाख 80 हजार रूपए स्वीकृत किए हैं. संबंधित विभाग ने भवन निर्माण के लिए धनराशि लोक निर्माण के पास जमा करवा दी. विभाग ने भवन को कमेटी से असुरक्षित करवा कर भवन को डिस्मेंटल कर दिया, लेकिन भवन का नए सिरे से निर्माण करने में लोक निर्माण को डिजाइन के मुताबिक भूमि कम पड़ गई. इस वजह से भवन का काम अधर में लटका है. इस कारण एक कमरे में चौकी चल रही और जवानों को परेशान होना पड़ रहा है.