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भेड़ पालकों को बांटी गई राशन की किटें, पशुपालन विभाग ले रहा पूरी जानकारी - चंबा भेड़ पालक न्यूज

कोरोना के चलते प्रदेश में लॉकडाउन कर्फ्यू लगाया गया है. इसके चलते भेड़ पालकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, भेड़ पालकों की समस्या के समाधान को देखते हुए जिला के पशु चिकित्सा के अधिकारियों ने जरूरतमंद भेड़ पालकों को राशन किटें उपलब्ध करवाईं.

Ration kits distributed to sheep herders
भेड़ चराने वालों को राशन किट बांटे

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Published : Apr 22, 2020, 6:18 PM IST

चंबा: जिला चंबा में कोविड-19 वायरस संक्रमण के खतरे के चलते भेड़ पालकों की दिक्कतों के समाधान को लेकर पशु पालन विभाग ने कार्य योजना के तहत राहत पहुंचाने का काम किया है. विभाग के उपनिदेशक डॉ. रवि प्रकाश ने बताया कि भेड़ पालकों को अपने रेवड़ के साथ चलते हुए लॉकडाउन की वजह से खाने पीने का जरूरी सामान खरीदने में कई दिक्कतें आ रहीं थी. इस समस्या के समाधान को लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर विभाग ने इसके लिए पुख्ता योजना बनाई और इसे अमली जामा भी पहनाया.

समस्या के मद्देनजर जिला के पशु चिकित्सा अधिकारियों ने अपने स्तर पर अब तक 50 राशन किटें इन जरूरतमंद भेड़पालकों को निःशुल्क उपलब्ध करवाई. इसके अलावा राशन किटें स्थानीय प्रशासन द्वारा भी उपलब्ध करवाई गई हैं.

जिला चंबा के थुलेल, खरगट, लाहडू, ब्रंगाल, कोटी, दुनाली, लूना व लाके वाली माता में आठ टक्रांजिट कैंपों के अलावा इस बार पशु पालन विभाग ने मोबाइल टीम के द्वारा भी भेड़ पालकों की मदद के लिए जगह-जगह पर भेड़-बकरियों की दवाइयां, टीकाकरण एवं निशुल्क राशन किटों का आवंटन किया जा रहा है.

मोबाइल यूनिट ने अब तक 40 भेड़-बकरियों के झुंडों को यह सुविधा उपलब्ध करवाई है. डॉ. रवि प्रकाश ने बताया कि जिले में 8 अप्रैल से शुरू हुए विभिन्न कैंपों से अब तक करीब 500 भेड़ पालक एक लाख से ज्यादा भेड़-बकरियों के साथ कुल 410 भेड़ बकरियों के झुंडों में रवाना हो चुके हैं.

डॉ. रवि प्रकाश ने कहा कि पशु पालन विभाग के स्टाफ ने इन सभी घुमंतू भेड़पालकों का पूरा विवरण, जिसमें भेड़ पालक का नाम एंव पूरा पता, भेड़-बकरियों की संख्या, सर्दियों का स्थान और गर्मियों की चरागाह की जगहें, प्रत्येक भेड़ पालक का मोबाइल नंबर भी दर्ज किया गया, जोकि विभाग का ताजा डाटाबेस भी बन रहा है.

इन सभी आकड़ों को प्रशासन के साथ भी साझा किया जा रहा है, ताकि इन सब भेड़ पालकों के आवागमन का पूरा विवरण उपलब्ध रहे और कोविड-19 से बचाव में सहायक हो सके. साथ ही टक्रांजिंट कैंपों में विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भेड़ पालकों को कोविड-19 वायरस के बारे में भी जागरूक कर रहे हैं.

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