चंबा: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं डलहौजी से विधायक आशा कुमारी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश शीतकाल का विधानसभा सत्र ना बुलाना सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार विधानसभा सत्र को लेकर हमने कई सवाल तैयार किए थे, लेकिन जब सरकार के पास कांग्रेस पार्टी के विधायकों का डाटा गया तो सरकार ने बचने के लिए विधानसभा सत्र ही टाल दिया इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है जहां प्रदेश के लोगों के मुद्दों को नहीं सुना जा रहा है.
हालांकि इसके बारे में उन्होंने कहा कि प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा सत्र 6 महीने में कभी भी हो सकता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां नियम में यह प्रावधान किया गया है कि साल में सिटिंग करवानी होगी, लेकिन पिछले 3 सालों से सरकार 35 सिटिंग करवाने में नाकाम साबित हुई है.
हिमाचल प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां नियम में प्रावधान किया गया है
नियम 4 में है प्रावधान कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं डलहौजी से विधायक आशा कुमारी ने कहा कि देश के दूसरे विधानसभाओं में 6 महीने को विधानसभा सत्र आगे पीछे हो सकता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां नियम में प्रावधान किया गया है.
नियम चार में साफ तौर पर कहा है कि हिमाचल प्रदेश में साल में 35 सिटिंग करवानी सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन सरकार मुद्दों से भाग रही है. राज्यपाल से मिल चुकी थी मंजूरी हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में 7 से 12 दिसंबर तक निर्धारित किया गया था.