चंबा: हिमाचल प्रदेश में मानसून के समय कम बारिश होने के चलते इस साल मक्की की फसल भी बेहद कम हुई है. जिसके चलते किसानों की मुसीबतें बढ़ने लगी है. साल की शुरुआत में ही कोरोना वायरस जैसी महामारी ने अपने पांव पसार दिए थे. उसके बाद लोगों ने जैसे-तैसे करके अपने खेतों में मक्की की फसल को लगाया, लेकिन समय पर सही बारिश नहीं होने के चलते मक्की की फसल में 60% तक कमी दर्ज की गई है.
एक तरफ किसानों को फसल कम होने से नुकसान झेलना पड़ा है, तो दूसरी तरफ पशुओं के लिए घास की भी कमी का सामना भी करना पड़ेगा. बारिश का होना बेहद जरूरी होता है, लेकिन बारिश नहीं होने के चलते किसानों को दोहरी मार से जूझना पड़ रहा है. हालांकि पहाड़ी इलाकों में किसानों ने मक्के की फसल खेतों से समेट ली है, लेकिन हर साल की तुलना में इस साल बेहद कम फसल देखने को मिल रही है. जिससे किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ देखने को मिल रही है, जिसके चलते अब किसानों ने सरकार से मांग की है कि सरकार उनकी ओर ध्यान दे और कुछ राहत प्रदान करने की बात करें.