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COVID-19: चंबा की हिमालया ठाकुर ने कोरोना योद्धाओं के लिए लिखी कविता

हिमालया ठाकुर ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति में समाज के विभिन्न वर्गों को समाज के लिए दिए जा रहे विशिष्ट योगदान के लिए अपनी कविता के जरिए एक विशेष धन्यवाद दिया है. पिछले हफ्ते प्रस्तुत की गई अपनी पहली कविता में हिमालया ठाकुर ने कोरोना वायरस के कारण लाचार हुए बड़े-बड़े देशों पर एक हास्य टिप्पणी की थी.

Himalaya Thakur
हिमालया ठाकुर

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Published : May 3, 2020, 12:56 PM IST

चंबा:मिलेनियम बिएड कॉलेज चंबा की छात्रा हिमालया ठाकुर (स्नेहा ठाकुर) निवासी चंबा ने कोरोना वैश्विक महामारी के चलते इसी संदर्भ में एक बार फिर एक कविता की रचना की है. इसमें इन्होंने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई गंभीर परिस्थिति में समाज के विभिन्न वर्गों को समाज के लिए दिए जा रहे विशिष्ट योगदान के लिए उनको अपनी कविता की माला में पिरोते हुए अपने ही अंदाज में एक विशेष धन्यवाद दिया है.

पिछले हफ्ते प्रस्तुत की गई अपनी पहली कविता में हिमालया ठाकुर ने कोरोना वायरस के कारण लाचार हुए बड़े-बड़े देशों पर एक हास्य टिप्पणी की थी. साथ ही लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग व प्रशासन का भी धन्यवाद किया था. परंतु इस हफ्ते प्रस्तुत की जा रही इस कविता में इन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले देश के किसानों को भी अपने अंदाज में धन्यवाद दिया है.

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इसके साथ ही इस गंभीर परिस्थिति में लोगों तक जरूरी सामान ले जाने के लिए उन वाहन चालकों का भी धन्यवाद किया है जो इन गंभीर परिस्थितियों में अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात लोगों तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं.

हिमालया ठाकुर ने बताया है कि उन्हें लिखने का शौक है और उन्होंने यह निर्णय लिया कि स्वयं रचित इन रचनाओं को समाज के हर वर्ग के साथ सांझा किया जाए जिससे इस वैश्विक महामारी के कठिन दौर में हम उन योद्धाओं की उपलब्धियों को समाज के सामने लाने का प्रयास करें जो दिन रात लगन के साथ इस विश्व को बचाने के लिए लगे हुए हैं. साथ ही इस दौरान मानसिक तनाव से मुक्त रहें व आत्म संयम रखें एवं स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार और प्रशासन का सहयोग करें.

हिमालया ठाकुर ने बताया कि उन्हें लिखने की प्रेरणा अपने पिता श्री तिलक राज ठाकुर और माता श्रीमती पवन ठाकुर से मिलती है. वह हर निर्णय में उसका कदम-कदम पर साथ देते हैं. उन्होंने बताया कि वह आगे भी समाज के विभिन्न विषयों से जुड़ी हुई रचनाओं को समय-समय पर लोगों के बीच में लाती रहेंगी. उन्होंने आग्रह किया है कि उनकी रचनाओं को अधिक से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया.

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