चंबा: प्रदेश सरकार बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्र ऐसे है जहां छात्रों की पढ़ाई के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में आज भी शिक्षा के अभाव के चलते बच्चों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है. बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर स्कूल में सुविधाओं के साथ अध्यापकों की कमी है.
चंबा जिला के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल संघनी की बात करें तो यहां पर पिछले कई महीने से एक भी अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं है. जिन अध्यापकों को यहां तैनात किया जाता है, कुछ ही समय बाद यहां से बदली कर दी जाती है. बच्चों की वार्षिक परीक्षाओं को कुछ ही महीने बाकी है और बच्चे अपने परिणाम को लेकर काफी चिंतित दिख रहे हैं.
बच्चों ने बताया कि संघणी स्कूल सरकार की सुविधाओं से वंछित है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में भी उन्हें खुद के पैसे देकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. बच्चों ने सरकार व शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि उनके स्कूल में रिक्त पड़े पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति की जाए.
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वहीं, गांव के पंचायत प्रधान ने भी यही माना है कि उनके गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल संघणी में कोई भी अध्यापक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि एसएमसी के माध्यम से उन्होंने सरकार को अवगत भी करवाया है कि यहां पर स्कूल में अध्यापकों को भेजा जाए, लेकिन उसके बावजूद भी बच्चों का भविष्य अंधकार में लटका हुआ है. उन्होंने कहा कि अभिभावक खुद पैसे इकट्ठे कर यहां से प्राइवेट टीचर को बुलाते हैं और वही बच्चों को पढ़ाई करवा रहे हैं.