चंबा:पहाड़ी क्षेत्रों में इस बार सेब के बगीचों में और आडू, खुमानी, बदाम सहित कई पेड़ों पर जमकर फूल खिले हैं. इसके चलते किसानों बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. पहाड़ी इलाकों में बागवान सेब की फसल पर निर्भर रहते हैं. उनका परिवार भी इन फसलों से चलता है और इसके लिए बागवान पूरा साल काफी मेहनत करते हैं.
सेब के बगीचों सहित अन्य पेड़ों पर खिले फूल
इन दिनों सर्दियों का मौसम चल रहा है. दिसंबर के महीने में सेब के बगीचे में बागवान पेड़ों की प्रूनिंग और छिड़काव करते हैं. इसके चलते अब काफी रंग बिरंगे फूल खिलने से बागवान काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से सेब के बगीचों सहित अन्य पेड़ों पर फूल खिले हैं. उससे आने वाले समय में अच्छी फसल की उम्मीद जगी है. अगर एक-दो महीनों में ओलावृष्टि नहीं होती है तो इस बार सेब की बंपर पैदावार हो सकती है.
बागवानों को फसल अच्छी होने की उम्मीद
बता दें कि चंबा जिला के डलहौजी, पांगी, भरमौर, तीसा, सलूणी में बागवान सेब के बगीचे पर भी निर्भर रहते हैं. सेब के बगीचे से ही उनके परिवार का लालन पालन होता है. दूसरी ओर किसानों-बागवानों का कहना है कि इस बार काफी संख्या में फूल सेब के बगीचों सहित अन्य पेड़ों पर खिले हैं जिससे हमें लगता है कि फसल इस बार काफी अच्छी होने वाली है.
अगर ओलावृष्टि नहीं होती है तो इस बार बंपर पैदावार हो सकती है. इससे हमें अच्छा मुनाफा होने की संभावना बढ़ी है. जाहिर सी बात है कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में इन दिनों सेब के बगीचों सहित अन्य पेड़ों पर भी रंग बिरंगे फूल खिलने से किसानों ने राहत की सांस ली है. उन्हें उम्मीद बंधी है कि आने वाले समय में सेब की फसल के साथ-साथ अन्य फसलें भी बंपर होगी.
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