भरमौर:जनजातीय क्षेत्र भरमौर के दूरस्थ कुगती स्थित भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद 135 दिनों के लिए आज बंद कर दिया जाएगा. सदियों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन करने के लिए पुजारियों संग भक्तों की भीड़ मंदिर की ओर निकल पड़ी है. लिहाजा, बुधवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद दोपहर बारह बजे मंदिर को बंद कर दिया जाएगा.
जनजातीय क्षेत्र भरमौर के दूरस्थ कुगती में स्थित प्राचीन कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट बुधवार को बंद हो जाएंगें. 136वें यानी बैशाखी वाले दिन विधिवत रूप से पूजा-अर्चना होगी और बाद में मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे. मान्यता है कि देवभूमि में प्रकृति बर्फ की चादर ओढ कर सुप्त अवस्था में चली जाती है और देवता स्वर्ग लोक की ओर प्रस्थान कर जाते है. इस अवधि के बीच मंदिर की ओर रुख करने वालों के साथ अनहोनी की भी अंशका बनी रहती है. कार्तिक स्वामी मंदिर के पुजारी मचलू राम शर्मा का कहना है कि बुधवार दोपहर बारह बजे से मंदिर में यात्रियों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद हो जाएगी. सदियों से इस परंपरा का यहां पर निर्वहन किया जा रहा है.
ग्रामीणों के मुताबिक नबंवर माह के अंतिम सप्ताह में सर्दियों से मंदिर के कपाट बंद करने की परंपरा चली आ रही है. वर्तमान में भी इसका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन किया जा रहा है. मंदिरों के बंद होने के समय अंतराल को स्थानीय भाषा में अंदरोल का नाम दिया गया है. ग्रामीणों में मान्यता है कि अंदरोल के 6 माह में देवी-देवता इन मंदिरों में नहीं होते है. लिहाजा, इस दौरान मंदिरों की ओर रूख करना भी अशुभ माना जाता है. यदि को अंदरोल के दौरान मंदिरों की ओर जाए भी तो उनके साथ किसी प्रकार की अनहोनी होने की भी संभावना बनी रहती है.