हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री चंबा:हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सोमवार को चंबा पहुंचे. जहां उन्होंने सदर विधायक नीरज नैय्यर की माता के निधन पर शोक व्यक्त किया. इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने नीरज नैय्यर के शोकाकुल परिजनों से भेंट कर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की. वहीं, उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय चंचल नैय्यर ने अपना संपूर्ण जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया है. वह मृदुभाषी एवं मिलनसार महिला थी. समाज सेवा में दिए गए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.
दरअसल, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री विधायक नीरज नैय्यर के निवास स्थल पर उनकी माता स्वर्गीय चंचल नैय्यर के निधन पर शोक व्यक्त करने चंबा पहुंचे थे. जिसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बिगड़े आर्थिक हालातों के लिए पूर्व की जयराम सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को पूर्व की जयराम सरकार से 92 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां विरासत में मिली है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार 15वें वित्त आयोग के समक्ष भी प्रदेश की सही वित्तीय तस्वीर नहीं रखी. इसका भी प्रदेश को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भी प्रदेश सरकार के साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई कोई विशेष आर्थिक पैकेज अभी तक नहीं दिया है.
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री विधायक नीरज नैय्यर के निवास स्थल पर उनकी माता स्वर्गीय चंचल नैय्यर के निधन पर शोक व्यक्त करने चंबा पहुंचे थे. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में आई जल त्रासदी से भारी भरकम नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बड़े लंबे समय तक इंतजार किया कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को कोई राहत दें, क्योंकि हम फेडरल स्ट्रक्चर में रह रहे हैं और केंद्र तथा राज्यों में जो स संबंध होते हैं, जिसकी हम बात करते हैं वो यह है कि कभी कोई विपदा आए या त्रासदी आए तो केंद्र राज्य की मदद के लिए आगे आता है, लेकिन लंबे इंतजार के बाद राज्य सरकार ने अपने संसाधनो से एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की है.
अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने 92 हजार करोड़ की देनदारियां विरासत में दी और 75 हजार करोड़ का कर्जा दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान करके गई है और ताजा स्थिति के लिए पूरी तरह से पूर्व सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि पूर्व में डबल इंजन की सरकार होने की बात करते रहे, लेकिन हिमाचल की कोई पुख्ता मदद नहीं हुई. सबसे बड़ी बात है कि जब 15वां वित्तायोग हिमाचल में आया तो उसके समक्ष पूर्व सरकार ने सही रूप से प्रदेश के फाईनेंसस की बात नहीं रखी.
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