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सूचित करने पर भी डॉक्टर से महिला को उपचार ना मिलने से मौत, डॉक्टर के खिलाफ बैठाई विभागीय जांच - inquiry against a doctor in chamba

चंबा के नकरोड़ सड़क हादसे के दौरान महिला को डॉक्टर द्वारा समय पर उपचार न मिलने के कारण पीड़िता की मौत हो गई थी. स्थानीय लोगों और विधायक द्वारा सूचित करने पर भी डॉक्टर घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाया. स्वास्थ्य निदेशक ने इस मामले में अब विभागीय जांच बैठा दी है.

departmental inquiry against a doctor in chamba

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Published : Sep 26, 2019, 8:48 AM IST

चंबाः जिला के नकरोड़ सड़क हादसे में घायल महिला को उपचार न देने के मामले में स्वास्थ्य निदेशक ने डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी है. जांच करने के लिए बाकायदा कमेटी का गठन किया गया है. ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. वाईडी शर्मा की अगुवाई में गठित टीम में बीएमओ, एमओ, पंचायत प्रतिनिधि और प्रत्यक्षदर्शियों को शामिल किया गया है. दो दिन में तफ्तीश कर टीम मामले की अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य निदेशक को सौंपेगी.

बता दें कि 17 सितंबर को नकरोड़-भंजराडू मार्ग पर कपाड़ी नाले के पास एक पिकअप दुर्घटना में बाप-बेटे की मौत हो गई थी. जबकि, पिकअप की चपेट में आने से एक महिला भी नाले में जा गिरी थी. नाले में महिला की सांसें चलती देख मौके पर पहुंचे लोगों और विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने बीएमओ तीसा को सूचित किया था. इसके बाद बीएमओ ने दुर्घटना स्थल से महज सौ मीटर की दूरी पर स्थित पीएचसी में तैनात चिकित्सक को मौके पर जाने के आदेश दिए थे. बावजूद इसके डॉक्टर दुर्घटनास्थल पर नहीं पहुंचा. समय पर उपचार न मिलने की सूरत में जख्तों के तानव सहते हुए महिला ने दम तोड़ दिया.

इस मामले में विस उपाध्यक्ष ने चिकित्सक की शिकायत मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य निदेशक तक से कर दी थी. चिकित्सक को बीएमओ तीसा की ओर से शो कॉज नोटिस जारी किया गया. चिकित्सक ने चौथे दिन नोटिस का जवाब दिया. बहरहाल, अब चिकित्सक की ओर से दिए गए जवाब से स्वास्थ्य निदेशक ने असंतुष्ट होकर विभागीय जांच बैठा दी है. दो दिन के भीतर जांच टीम पूरे मामले की तफ्तीश कर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य निदेशक को सौंपेगी.

विस उपाध्यक्ष हंसराज ने कहा कि चिकित्सक की लापरवाही के चलते ही महिला की मौत हुई है. चिकित्सक का व्यवहार पूरी तरह से अनैतिक था. इससे पता चलता है कि चिकित्सक संवेदनहीन है. विस उपाध्यक्ष ने बताया कि इस पूरे मामले के प्रत्यक्षदर्शी वह स्वयं हैं. कहा कि भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले चिकित्सक के इस व्यवहार के बाद अब ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ऐसे चिकित्सक को सेवाओं से बाहर करना चाहिए.

बीएमओ तीसा डॉ. ऋषि ने बताया कि ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. वाईडी शर्मा की अगुवाई में गठित टीम में बीएमओ, एमओ, पंचायत प्रतिनिधि और प्रत्यक्षदर्शियों को शामिल किया गया है. दो दिन के भीतर जांच टीम अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य निदेशक को सौंपेगी.

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