चंबा:कहते हैं दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो मंजिल खुद ब खुद मिल जाया करती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है ग्राम पंचायत डांड के कंडियारा गांव निवासी दर्शना भारवीं ने. दर्शना ने पहले खुद गर्म कपड़ों की बुनाई का काम सीखा. उसके बाद अन्य महिलाओं सहित बेरोजगार युवतियों को भी ये काम सिखाया.
सबसे पहले दर्शना ने एक छोटी सी मशीन ली. उस मशीन के माध्यम से महिला-पुरुष और बच्चों के लिए गर्म स्वेटर बनाए. 1 दिन में चार से पांच स्वेटर मशीन पर बनाए जाते हैं. इसी तकनीक से अन्य महिलाओं और युवतियों को काम सिखाया जा रहा है, ताकि कम लागत में वह भी अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सके.
हालांकि दर्शना भारवीं ने अभी तक पिछले 6 सालों में करीब 100 से अधिक लड़कियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अपनी भूमिका निभाई है. यही कारण है कि इस व्यवसाय से अब महिलाएं अच्छा खासा मुनाफा कमा रही हैं. सर्दियों के मौसम में तो यह कारोबार और भी अधिक बढ़ जाता है. जिसका लाभ भी मिल रहा है.
दर्शना के पास काम सीखने वाली महिलाओं और युवतियों का कहना है कि वह स्वेटर बुनाई का काम सीख रही हैं, जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें. महिलाओं का कहना है कि उन्हें कल के लिए किसी के ऊपर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है. लड़कियों ने कहा है कि यह कार्य बहुत अच्छा है और इसे काफी मुनाफा हो सकता है. ऐसे में जो भी महिलाएं और युवतियां बेरोजगार हैं, वह भी इस कार्य को सीखकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं.