चंबा: अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर सीटू व एसएफआई छात्र संगठन ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. धरने के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
केंद्र सरकार किसानों की मांगों को कर रही है अनसुना
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिला कमेटी सदस्य विपिन ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को अनसुना कर रही है. किसान आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. किसानों की समस्या का समाधान करने की बजाए सरकार किसानों के हकों को दबाने में लगी है.
किसान आंदोलन को बंद करने के लिए सरकार किसानों पर दबाव बना रही है, जबकि किसान लगातार ये मांग रहे हैं कि किसान विरोधी तीनों कानूनों को निरस्त किया जाए. तीनों कानून किसी भी मापदंड पर किसानों की बजाय पूंजीपतियों की वकालत करते हैं.
उन्होंने कहा कि कानून लाने से पहले ही पूंजीपतियों के गोदाम बनने शुरू हो चुके हैं. इस कानून की वजह से सरकारी मंडी खत्म होगी. उसके बाद किसानों को मजबूरी में बड़े कॉरपोरेट के आगे झुकना पड़ेगा. किसान एक बंधुआ बनकर रह जाएगा.
आंदोलन को सशक्त करने के लिए सीटू कार्यकर्ता लोगों के बीच जाएंगे
सीटू जिला सचिव सुदेश ने बताया कि इसके आंदोलन को सशक्त करने के लिए सीटू कार्यकर्ता लोगों के बीच जाएंगे और उन्हें जागरूक करेंगे, ताकि लोगों को इस कानून कि असलियत पता चल सके. सरकार लगातार टीवी चैनल के माध्यम से इन कानूनों को सही बताने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसानों ने इस कानून को नकार दिया है. सीटू कार्यकर्ता काले कानूनों के बारे में जनता को अवगत करवाएंगे. आने वाले समय में अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है तो बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी.