डलहौजी/चंबा: हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी पर्यटन पर निर्भर करती है. यहां पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग और पूरा व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. करीब 2 महीनों से प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाली टूरिज्म इंडस्ट्री बंद होने से होटल कारोबारी सहित इस व्यवसाय के साथ जुड़े लोगों को अब अपने परिवार की चिंता सताने लगी है.
वहीं, होटल संचालकों को राहत न मिलने से उनकी परेशानी भी बढ़ती जा रही है. हर साल लाखों की संख्या में मिनी स्विट्जरलैंड खजियार और बोटिंग प्वाइंट तलेरू में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन इस वैश्विक महामारी ने पर्यटन से जुड़े लोगों के पेट पर लात मारने का काम किया है. इसके चलते डलहौजी के होटल कारोबारी सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं.
हालांकि सरकार की नई गाइडलाइंस से होटल व्यवसाई ज्यादा खुश नहीं है और वह उन शर्तों के साथ होटल नहीं खोलना चाहते, जिससे उनको और अधिक नुकसान हो. हिमाचल प्रदेश में चंबा जिला के पर्यटन स्थलों पर हर साल 15 से 20 लाख पर्यटकों के आने से पर्यटन व्यवसायियों के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को प्रतिनिधि गतिविधियों से रोजगार मिलता था, जिसके चलते सही तरीके से उनके परिवार का पालन हो पाता था. इस बार कोरोना वायरस के कारण सारा कारोबार ठप हो गया है, जिससे उन्हें दो ढाई महीनों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
क्या कहते हैं होटल एसोसिएशन के पैटर्न चीफ मनोज चड्ढा