चम्बा: ऐतिहासिक शहर डलहौजी के नाम को बदलने की मांग एक बार फिर उठाई गई है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के बाद पूर्व सीएम शांता कुमार ने डलहौजी के नाम को बदलने की मांग की है. पूर्व सीएम शांता कुमार ने राज्यपाल और सीएम जयराम को पत्र लिखा है. इस पत्र में पूर्व सीएम शांता कुमार ने डलहौजी का नाम बदल कर इसे राष्ट्रीय तीर्थस्थल बनाने की बात कही है.
वहीं, इस पर अब डलहौजी से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने ऐतराज जताया है. आशा कुमारी ने कहा है कि डलहौजी का इतिहास 125 साल पुराना है. हम सुभाष चंद्र बोस का मान-सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रविंद्र नाथ टैगोर और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु भी यहां आए थे. डलहौजी पूरी दुनिया भर में पर्यटन की दृष्टि से विख्यात है. इसके नाम के साथ छेड़छाड़ करना बिल्कुल गलत है.
भाजपा पर किया पलटवार
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेत्री आशा कुमारी ने कहा कि जो नाम पूरी दुनिया में पर्यटन की दृष्टि से देखा जाता हो उसे बदलने को लेकर भाजपा की यह सोच समझ से परे है. यहां सभी पार्टियों ने इसका विरोध किया है. आशा कुमारी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सीएम को भी एक पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से सीएम से डलहौजी का नाम नहीं बदलने की मांग की है.
पूर्व सीएम और बीजेपी राज्यसभा सांसद ने भी लिखा पत्र
बता दें कि सुब्रह्मण्यम स्वामी ने हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के नाम चिट्ठी लिख ये मांग उठाई है. स्वामी ने लिखा है कि डलहौजी का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर सुभाष नगर रखा जाए. वहीं, हिमाचल के पूर्व सीएम शांता कुमार ने भी राज्यपाल और सीएम जयराम को पत्र लिखा है. इस पत्र में पूर्व सीएम शांता कुमार ने डलहौजी का नाम बदल कर इसे राष्ट्रीय तीर्थस्थल बनाने की बात कही है.
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