चंबा: हिमाचल प्रदेश सरकार हर साल स्कूली बच्चों के दोपहर के भोजन पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन वास्तविक स्थिति क्या है. इसकी पोल खोलने के लिए चंबा जिला के 1668 प्राथमिक, मिडल और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल काफी हैं.
इन सभी स्कूलों में मिड-डे मील का खाना बनता है, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते अभी तक चंबा जिला के किसी भी स्कूल को खाद्य सुरक्षा विभाग के तहत पंजीकृत नहीं किया गया है, जबकि मिड-डे मील के तहत आने वाले स्कूलों को पंजीकृत करना अनिवार्य होता है.
हैरानी की बात ये है कि शिक्षा विभाग की इस पहल को अभी शुरू नहीं किया गया है जिसके चलते अगर किसी स्कूल में बच्चों को फूड पॉइजनिंग होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा. हालंकि अगर जल्द इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं.