हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

इन कैदियों का हुनर है काबिले तारीफ, इनके बनाए प्रोडक्टस के लिए खरीदादारों की लगी भीड़

कैदियों के हाथों से बनाये गए उत्पादों को बेचने के लिए जेल विभाग की ओर से गेयटी थियेटर में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.

कैदियों के हाथों से बनाये गए उत्पाद

By

Published : Apr 20, 2019, 3:30 PM IST

शिमला: प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को काम देने और उनके हुनर को तराशने के लिए जेल विभाग की ओर से शुरू की गई हर हाथ को काम योजना कारगर साबित हो रही है. कैदियों के हाथों से बनाये गए उत्पादों को बेचने के लिए जेल विभाग की ओर से गेयटी थियेटर में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ें: किन्नौर के शोंगठोंग में मिला अज्ञात व्यक्ति का शव, जांच में जुटी पुलिस

प्रदर्शनी में कंडा,नाहन,धर्मशाला के साथ ही चंबा जेल में बंद कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद को खरीददारी के लिए सजाया गया है. एक दिवसीय इस प्रदर्शनी में बेकरी के उत्पादों के साथ ही हैंडलूम से बनी शॉल, टोपी, सदरी, कंबल, फर्नीचर, लोहे की कुर्सियां, फ्लावर पॉट स्टैंड भी खरीदारी के लिए लगाए गए हैं. कैदियों में इस तरह के हुनर को देखकर हर कोई दंग है और कोई भी इन उत्पादों की सराहना किए बिना नहीं रह पा रहा है. सभी लोग उत्पादों की खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक जो बिक रहा है वो है कैदियों के हाथों से बनाए गए अलग-अलग किस्म के बिस्किट, वेफरज सहित अन्य उत्पाद.

कंडा जेल के सुपरिटेंडेंट विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि एक दिवसीय प्रदर्शनी में कैदियों ने जेलों में सजा काटते हुए जो भी उत्पाद तैयार किए है उन्हें लोगों के बीच लाया गया है. इस प्रदर्शनी का उद्देश्य कैदियों के हुनर को लोगों के बीच लाकर उन्हें एक अलग पहचान देना है. उन्होंने बताया कि ये पहल डीजीपी सोमेश गोयल ने हर हाथ को काम के तहत की थी, जिसके बाद से जेलों में बंद कैदियों को अलग-अलग तरह के उत्पादों के साथ ही हेंडलूम, लकड़ी के उत्पादों की ट्रेनिंग दी गई है.

कैदियों के हुनर को तराशने के लिए एक दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन

ये भी पढ़ें: भाजपा का किला भेदने के लिए प्रियंका करेंगी युद्धघोष! 25 को हमीरपुर में जुटेंगे कई कांग्रेसी दिग्गज

कंडा जेल के सुपरिटेंडेंट विजय कुमार ठाकुर ने कहा कि इन उत्पादों को बेच कर जो भी राशि मिलती है, उसको कैदियों के एकाउंट में डाल दिया जाता है. कैदियों को जेल में रहकर ही आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ये पहल एक सराहनीय कदम है जिससे कि सजा काटने के बाद समाज के बीच जाकर ये लोग अपना काम कर सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details